Stroke Increases In Diabetes Patients: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर लेवल का स्तर अधिक हो जाता है, जिससे शरीर के कई अंग और अंगों की रक्षा होती है. यदि आपका डायबिटीज पर नियंत्रण न हो तो आपके शरीर के अंगों में कुछ तरह की समस्याएं हो सकती हैं. डायबिटीज के मरीजों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. जब शरीर के ब्रेन को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंचता है तो वो काम करना बंद कर देता है, जिसे स्ट्रोक कहते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डायबिटीज और स्ट्रोक के बीच लिंक: जर्नल ऑफ स्ट्रोक में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज, स्ट्रोक का एक प्रमुख जोखिम भरा फैक्टर है. इस अध्ययन में ये बात सामने आई कि डायबिटीज इस्कीमिक स्ट्रोक से लेकर नसों में ब्लॉकेज, सेरेब्रल एसवीडी और कार्डियक एम्बोलिज्म का कारण भी बन सकता है. आइए जानते हैं कि किन कारणों की वजह से डायबिटीज के मरीजों में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.


1. डायबिटीज के मरीजों को भी खून के थक्कों के विकसित होने का अधिक खतरा होता है. ये खून के थक्के दिमाग तक पहुंच सकते हैं और खून के फ्लो को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे स्ट्रोक हो सकता है. इसके अलावा, डायबिटीज ब्लड वेसेल्स में परिवर्तन का कारण बन सकता है जो उन्हें थक्का बनाने के लिए अधिक प्रवण बनाता है.


2. धमनियों में प्लेग का निर्माण होता है जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं. इसके कारण धमनियां सिकुड़ जाती है और कठोर हो जाती है. डायबिटीज रोगियों को एथेरोस्क्लेरोसिस विकसित होने का अधिक खतरा होता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.


3. हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक के लिए एक रिस्क फैक्टर है और डायबिटीज के मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर होने की संभावना अधिक होती है. हाई ब्लड शुगर और हाई ब्लड प्रेशर का संयोजन दिमाग में ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)