बच्चों में बढ़ रही ई-सिगरेट की लत, हो सकती है एलर्जी, मौत के मुंह में पहुंचा 16 साल का लड़का
Vaping: मौजूदा दौर में काफी यंग एडल्ट वैपिंग को तंबाकू वाले सिगरेट का ऑप्शन मान रहे हैं, लेकिन ई-सिगरेट का इस्तेमाल भी खतरे से खाली नहीं है.
E Cigarette Side Effects: आजकल युवाओं के अलावा कुछ बच्चों में भी ई-सिगरेट की लत लगती जा रही है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर्स ने बच्चों में वैपिंग के खतरों के बारे में गंभीर चिंता जताई है, खास तौर से इसके गंभीर एलर्जिक रिएक्शंस को ट्रिगर करने की क्षमता पर जोर दिया है. नाबालिगों को ई-सिगरेट बेचने से रोकने वाले कानूनी प्रतिबंधों के बावजूद, आंकड़े बताते हैं कि 4 में से एक बच्चा वेपिंग की कोशिश कर चुका है और दस में से एक नियमित रूप से वैप का इस्तेमाल करता है.
ई-सिगरेट के खतरे
फ्लेवर्ड ई-सिगरेट, जिनमें अक्सर नट्स, डेयरी या ग्लूटन जैसे एलर्जेंस होते हैं, वो बच्चों में अस्पताल पहुंचाने का काम कर रहे हैं. एनएचएस (NHS) डेटा 2020 के बाद से वैपिंग से जुड़े अस्पताल में भर्ती होने में 733% का इजाफा को उजागर करता है, जिसमें 4 साल की उम्र के मरीज भी शामिल हैं. खासतौर से चिंताजनक हैं खाद्य पदार्थ या मिठाई की नकल करने वाले स्वाद, जो यंग यूजर्स के बीच पॉपुलर हैं, जो एलर्जिक रिएक्शंस के जोखिम को बढ़ाते हैं.
क्यों होती है एलर्जी?
वैपिंग से एलर्जिक रिएक्शंस प्रोपलीन ग्लाइकॉल (Propylene glycol) से भी पैदा हो सकते हैं, जो ई-सिगरेट में एक कॉमन इंग्रीडिएंट है. ये कंपाउंड घरघराहट, अस्थमा अटैक और स्किन हाइव्स को प्रोवोक कर सकता है. एक पॉपुलर केस में 16 साल का लड़का शामिल था, जिनकी 2017 में हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनिटिस (Hypersensitivity Pneumonitis) से तकरीबन मौत हो गई थी, जो एक एलर्जिक कंडीशन है जो फेफड़ों की गंभीर सूजन का कारण बनता है.
ई-सिगरेट पर लिखें वॉर्निंग
एक संस्था ने वैपिंग प्रोडक्ट पर अनिवार्य एलर्जी वॉर्निंग लिखने पर जोर दिया है, डायरेक्ट यूज और सेकेंड हैंड ई-सिगरेट का धुआं दोनों से रिएक्शन की बढ़ती घटनाओं का हवाला देते हुए ऐसा किया जाना जरूरी है. इंग्लैंड के मौजूदा कानूनों में ऐसी चेतावनियों की जरूरत नहीं है क्योंकि ई-सिगरेट को फूड या ड्रिंक रूप में क्लासीफाई नहीं किया जाता है.
सांसद ने भी उठाया मुद्दा
इंग्लैंड की लेबर पार्टी की सांसद बेकी गिटिंस (Becky Gittins) ने वैपिंग से जुड़े एनाफिलेक्सिस और एलर्जिक रिएक्शंस के बारे में जागरूकता की जरूरतों पर जोर दिया. इसके जवाब में, लेबर ने हाल ही में बच्चों के बीच वैपिंग पर अंकुश लगाने के लिए टोबैको और वैप्स बिल पेश किया है. प्रस्तावित उपायों में बच्चों को टार्गेटेड फ्लेवर्स पर बैन लगाना और नाबालिगों के लिए वैप को कम आकर्षक बनाने के लिए पैकेजिंग में चेंज लाना शामिल है.
कई और बीमारियों का खतरा
जबकि एक्सपर्ट आम तौर पर इस बात से सहमत हैं कि एडल्ट्स के लिए पारंपरिक तंबाकू से इंफेक्शन की तुलना में वैपिंग ज्यादा सेफ है, लेकिन नॉन स्मोकर्स, खास तौर से युवाओं पर इसके असर के बारे में चिंता बनी हुई है. वैपिंग बिना जोखिम नहीं है, क्योंकि ई-सिगरेट में हार्मफुल होते हैं. इसके लॉन्ग टर्म हेल्थ इफेक्ट अनिश्चित हैं, हालांकि फेफड़े की बीमारी, दांतों समस्याओं और कैंसर का खतरा हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.