अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड मीट और लाल मांस खाने से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, ऐसा एक नए अध्ययन में पाया गया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कम मात्रा में खाना या फिर लाल मांस और प्रोसेस्ड मीट के विकल्प चुनने से इस खतरे को कम किया जा सकता है.


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यह अध्ययन जर्नल ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित हुआ था और इसमें 10 लाख से अधिक लोगों को शामिल किया गया था. अध्ययन में पाया गया कि जो लोग सबसे अधिक प्रोसेस्ड मीट खाते थे, उनमें कोलन कैंसर होने का खतरा 20% तक अधिक था. वहीं, जो लोग सबसे अधिक लाल मांस खाते थे, उनमें यह खतरा 9% तक बढ़ गया था.


मांस का सेवन सीमित करें
अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ. शिना अयातुनगाय का कहना है कि हमारा अध्ययन इस बात के मजबूत प्रमाण देता है कि प्रोसेस्ड मीट और लाल मांस का सेवन सीमित करना महत्वपूर्ण है, खासकर कोलन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए. शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग सबसे अधिक प्रोसेस्ड मीट का सेवन करते थे, उनमें प्रोसेस्ड मीट का सेवन कम करने वालों की तुलना में कोलन कैंसर से मृत्यु का खतरा भी 16% अधिक था. लाल मांस के लिए भी ऐसा ही पाया गया.


मुर्गे और मछली से खतरा कम?
अध्ययन में यह भी पाया गया कि मुर्गे और मछली जैसे प्रोटीन के अन्य सोर्स का सेवन करने से कोलन कैंसर का खतरा कम नहीं हुआ. डॉ. अयातुनगाय का कहना है कि हमारे निष्कर्ष पब्लिक हेल्थ सिफारिशों का सपोर्ट करते हैं जो लाल मांस का सेवन सीमित करने और प्रोसेस्ड मीट से बचने की सलाह देते हैं. वह यह भी कहते हैं कि अपनी डाइट में फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे हेल्दी चीजों को शामिल करना भी कोलन कैंसर के खतरे को कम करने में मददगार हो सकता है. यह अध्ययन उन कई अध्ययनों में से एक है जिसने मांसाहार और कैंसर के बीच संबंध पाया है. हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि इस क्षेत्र में और अधिक शोध की आवश्यकता है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.