Fungal Disease: पूरी दुनिया पर जलवायु परिवर्तन हो रहा है, जिसके कारण तापमान में हर साल वृद्धि हो रही है. बढ़ते तापमान की वजह से फंगल इंफेक्शन से होने वाली बीमारियां भी बढ़ रही हैं. इस बीच, चिंता की ये बात है कि दुनियाभर में अभी केवल चार तरह की ही एंटीफंगल मेडिसिन है. इस खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 19 तरह की फंगल बीमारियों की लिस्ट जारी की है. यह बीमारियां इंसानों के लिए बड़ा खतरा हो सकता है.


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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि जलवायु परिवर्तन (climate change) का वजह से फंगस खुद में विस्तार कर रहा है. कोविड-19 के बाद कई तरह की फंगल बीमारी तेजी से फैल रही है, जिनसे कई सारे लोग संक्रमित हो रहे हैं. 19 फंगल बीमारियों की लिस्ट को पेश करने का WHO का मकसद है कि इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी देना है. इन 19 बीमारियों को हाई रिस्क, मध्यम और महत्वपूर्ण के आधार पर तीन श्रेणी में बांटा गया है. क्रिप्टोकोकस, कैंडिड, ऑरिस और एस्परगिलस फ्यूमिगेट्स को WHO ने गंभीर श्रेणी में रखा है.


कमजोर इम्यूनिटी वालों को ज्यादा खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें फंगल बीमारियों का खतरा अधिक है. जो लोग पहले से एचआईवी, कैंसर, लीवर या किडनी की बीमारी से जूझ रहें हैं, उन्हें भी अधिक खतरा है. कोविड महामारी ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है, क्योंकि कोरोना के कारण लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हुई है, जिससे फंगल बीमारी को पनपने का मौका मिला. कोरोना के बाद से अस्पतालों में फंगल इंफेक्शन के अधिक मरीज भर्ती हुए हैं.


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