रहने का अच्छा माहौल और हेल्दी आदतें दे सकती हैं स्ट्रोक पीड़ितों को नया जीवन
स्ट्रोक एक गंभीर बीमारी है, जिससे रिकवरी में काफी वक्त लग सकता है. लेकिन एक अध्ययन से पता चला है कि रिकवरी की रफ्तार और सफलता को प्रभावित करने वाला अहम फैक्टर रहन-सहन की क्वालिटी भी हो सकता है.
स्ट्रोक एक गंभीर बीमारी है, जिससे रिकवरी में काफी वक्त लग सकता है. लेकिन एक अध्ययन से पता चला है कि रिकवरी की रफ्तार और सफलता को प्रभावित करने वाला अहम फैक्टर रहन-सहन की क्वालिटी भी हो सकता है. शोध के मुताबिक, बेहतर रहन-सहन की आदतों को अपनाने से स्ट्रोक के बाद मरीजों की स्वस्थ होने की रफ्तार बढ़ सकती है और रिकवरी अधिक सफल हो सकती है.
यह अध्ययन अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित हुआ है. इसमें शोधकर्ताओं ने स्ट्रोक से उबर रहे 4 हजार से अधिक वयस्कों पर शोध किया. इन मरीजों को हेल्दी लाइफस्टाइल से जुड़े छह कारकों के आधार पर स्कोर दिया गया. इन फैक्टरों में हेल्दी डाइट, नियमित फिजिकल एक्टिविटी, स्वस्थ वजन का होना, धूम्रपान न करना, कम शराब का सेवन और पर्याप्त नींद लेना शामिल था.
अध्ययन से पता चला कि जिन मरीजों का स्कोर बेहतर था (यानी जो इन छह स्वस्थ आदतों को अधिक अपनाते थे) उनकी स्ट्रोक से उबरने की रफ्तार उन लोगों की तुलना में काफी तेज थी, जो इन आदतों को कम अपनाते थे. उदाहरण के लिए, छह में से पांच या छह आदतों को अपनाने वाले मरीजों को दैनिक जीवन की गतिविधियों को करने में दूसरों की कम मदद की जरूरत पड़ी. साथ ही, उनका मेंटल हेल्थ भी बेहतर पाया गया.
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अध्ययन इस बात का प्रमाण देता है कि स्ट्रोक के बाद रिकवरी के लिए सिर्फ दवाइयां और चिकित्सा ही काफी नहीं है. रहन-सहन में सुधार लाकर मरीज खुद भी अपनी रिकवरी में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
अध्ययन के प्रमुख लेखक, डॉ. डेविड ली ने कहा कि हमारे अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि स्ट्रोक से उबरने के बाद हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना महत्वपूर्ण है. यह न केवल शारीरिक क्रिया को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, बल्कि कॉग्निटिव फंक्शन और जीवन की क्वालिटी में भी सुधार कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है.