आमतौर पर हम सोते समय सिर्फ आरामदायक मुद्रा में सोने को ही प्राथमिकता देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद की मुद्रा का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है? इस लेख में, हम चार्टर्ड फिजियोथेरेपिस्ट सैमी मार्गी के अनुसार विभिन्न नींद की मुद्राओं, उनके फायदे और नुकसान, और बेहतर नींद के लिए कुछ टिप्स पर चर्चा करेंगे.


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यह जानकारी आपको अपनी नींद की मुद्रा को समझने और अपनी स्वास्थ्य स्थिति के लिए सबसे उपयुक्त मुद्रा चुनने में मदद कर सकती है, जिससे आप रात में बेहतर नींद ले सकते हैं और दिन में अधिक ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं.


स्लिपिंग पोजीशन और इसके प्रभाव- 

बाईं करवट 
गर्भवती महिलाओं और सीने में जलन, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स या आंत की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह सबसे अच्छी मुद्रा है.


दाहिनी करवट
दिल के मरीजों को हृदय पर दबाव कम करने के लिए दाहिनी ओर करवट लेकर सोना चाहिए.

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पीठ के बल
यह मुद्रा स्लीप एपनिया का कारण बन सकती है, जिसमें सांस लेने में रुकावट आती है. यह बीमारी डायबिटीज, मोटापा जैसे गंभीर बीमारी के जोखिम को बढ़ा देती है.


पेट के बल
इस पोजीशन में सोने से गर्दन और पीठ में दर्द, रीढ़ की हड्डी में झुकना और चेहरे पर झुर्रियां पड़ सकती हैं.


बेहतर नींद के लिए टिप्स

अपनी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार उपयुक्त मुद्रा चुनें. पेट के बल सोने वालों को गर्दन के नीचे तकिया नहीं लगाना चाहिए, जबकि पीठ के बल सोने वालों को घुटनों के नीचे तकिया लगाना चाहिए. सुनिश्चित करें कि आपका बिस्तर आरामदायक और सपोर्टिव हो. हर रात एक ही समय पर सोने और जागने का प्रयास करें. सोने से पहले तनाव कम करने वाली गतिविधियां करें, जैसे कि गर्म पानी से नहाना या किताब पढ़ना. सोने से पहले शराब और कैफीन का सेवन न करें.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.