सर्दियों का मौसम आते ही लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इनमें से एक सबसे बड़ी समस्या है दिल से जुड़ी बीमारियां. सर्दियों में दिल की बीमारियों के मामलों में इजाफा होता है, और इसकी चपेट में युवा भी आ रहे हैं.


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दिल की बीमारियों के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए, दिल्ली के एक अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि सर्दियों में हृदय की बीमारियों के कई कारण हो सकते हैं. इनमें ठंड का मौसम, कम व्यायाम और तनाव शामिल हैं. सर्दी में शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे नसें सिकुड़ जाती हैं. इससे दिल पर अधिक दबाव पड़ता है, और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.


डॉ. अग्रवाल ने आगे कहा कि कि युवाओं में दिल की बीमारियों के बढ़ते मामलों के पीछे एक बड़ा कारण मोटापा है. मोटापे के कारण शरीर में चयापचय प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे दिल पर अधिक दबाव पड़ता है. इसके अलावा, युवाओं में तनाव की समस्या भी बढ़ रही है, जो दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण है.


दिल की बीमारियों से बचने के लिए डॉ. अग्रवाल ने युवाओं को कुछ सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और बैलेंस डाइट लेना चाहिए. इसके अलावा, उन्हें तनाव से बचने और पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए.


ठंड में दिल की बीमारियों से बचने के लिए क्या करें
नियमित रूप से व्यायाम करें: व्यायाम करने से शरीर का तापमान बढ़ता है, जिससे नसे फैलती हैं और दिल पर दबाव कम होता है.
बैलेंस डाइट: स्वस्थ आहार खाने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
तनाव से बचें: तनाव दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण है. इसलिए, तनाव से बचने के लिए योग, ध्यान, या अन्य मनोचिकित्सकीय तकनीकों का सहारा लें.
पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी से शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें दिल की बीमारियां भी शामिल हैं. इसलिए, हर रात कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें.
शुरुआती लक्षणों को पहचाने: दिल की बीमारियों के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है. इन लक्षणों में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आना शामिल हैं. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.