हार्ट डिजीज के लक्षण सीने में दर्द से कहीं ज्यादा व्यापक हो सकते हैं. दिल में चल रही गड़बड़ी के संकेत कई बार पैरों में भी नजर आने लगते हैं. हालांकि दिल से काफी दूरी पर होने से ज्यादातर लोगों का ध्यान इस और नहीं जाता है.


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लेकिन वास्तव में यदि आप अपने पैरों में हो रहे बदलावों को नोटिस करते हैं तो शुरुआती स्टेज पर भी हार्ट डिजीज का पता लग सकता है. आप खुद को जानलेवा बीमारी से पूरी तरह से बचा सकते हैं. ऐसे में आज हम आपको यहां ऐसे कुछ संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जिसके दिखते ही आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.


पैरों में दर्द, ऐंठन या सुन्न होना 

पैरों में लगातार होने वाला दर्द, खासकर रात के समय, या फिर चलने में तकलीफ होना हार्ट डिजीज का संकेत हो सकता है. यह पैरों तक रक्त संचार कम होने के कारण होता है. 

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पैरों का रंग बदलना 


पैरों का रंग अगर पीला पड़ जाए, मटमैला हो जाए या फिर नीला पड़ जाए तो यह भी हृदय रोग का संकेत हो सकता है. यह भी रक्त संचार की समस्याओं का ही नतीजा होता है.


पैरों पर घाव जो जल्दी ठीक न हों 

अगर पैरों में कोई घाव हो जाए और वह देर से ठीक हो रहा हो या बार-बार हो रहा हो, तो यह भी रक्त संचार की समस्या का संकेत हो सकता है. मधुमेह के रोगियों में भी यह समस्या देखी जा सकती है, जो हृदय रोग का एक जोखिम कारक है.


पैरों में बालों का कम होना

पैरों पर बालों का कम होना या उनका झड़ना इस बात का संकेत हो सकता है कि शरीर के सभी हिस्सों में पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंच पा रहा है. यह हार्ट के मंद पड़ने से हो सकता है.


पैरों में नाखून का धीमी गति से बढ़ना 

पैरों के नाखून अगर धीमी गति से बढ़ रहे हैं या उनका रंग बदल रहा है तो यह भी ब्लड सर्कुलेशन की समस्या का संकेत हो सकता है, जो हार्ट के सही से काम नहीं करने को दर्शाता है.

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इन बातों का ध्यान रखें


ये लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकते हैं. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो  अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें. इसके अलावा हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, नियमित व्यायाम करें, संतुलित आहार लें और धूम्रपान से बचें.