अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित नए शोध के अनुसार, सूंघने की भावना कमजोर होना हार्ट फेलियर के विकास का संकेत हो सकता है. अध्ययन में पाया गया है कि बुजुर्ग वयस्कों में सूंघने की क्षमता कम होने से हार्ट फेलियर का खतरा 30% तक बढ़ जाता है.


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अध्ययन में, मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 70 से 79 आयु वर्ग के 2,537 वयस्कों का अध्ययन किया. उन्होंने इन वयस्कों की सूंगने की क्षमता का टेस्ट किया और फिर 12 वर्षों तक उनको फॉलो किया. इस अवधि में, 477 प्रतिभागियों में हार्ट फेलियर का विकास हुआ.


अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ चेन ने कहाकि हम यह जानते हैं कि कम सूंघने की क्षमता न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियां जैसे पार्किंसंस रोग और मनोभ्रंश का एक मार्कर है. हमारे पिछले विश्लेषणों में इसी ग्रुप में मृत्यु दर, निमोनिया के लिए अस्पताल में भर्ती होने और मनोभ्रंश के साथ मजबूत लिंक पाए गए थे. शोधकर्ताओं को अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि कम सूंघने की क्षमता हार्ट फेलियर का कारण बनती है या केवल इसका संकेत देती है. हालांकि, कुछ सिद्धांत हैं जिन पर विचार किया जा रहा है.


दिमाग से लिंक
एक सिद्धांत यह है कि सूंघने की भावना दिमाग के उसी क्षेत्र से जुड़ी होती है जो दिल की धड़कन को कंट्रोल करती है. इसलिए, सूंघने की क्षमता में कमी दिल की सेहत में भी गिरावट का संकेत हो सकती है. एक अन्य सिद्धांत सूजन से जुड़ा है. सूजन दिल की बीमारी और सूंघने की क्षमता में कमी दोनों से जुड़ा हुआ है. यह संभव है कि शरीर में व्यापक सूजन हार्ट फेलियर के विकास में योगदान करती है और साथ ही सूंघने की नसों को भी नुकसान पहुंचाती है.


हार्ट फेलियर के रिस्क फैक्टर
अध्ययन के निष्कर्ष हार्ट फेलियर के रिस्क फैक्टर की हमारी समझ को बढ़ा सकते हैं. हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि सूंघने की क्षमता का टेस्ट अभी तक हार्ट फेलियर के खतरे का आकलन करने के लिए एक मानक उपकरण नहीं बन सकता है. अधिक शोध की आवश्यकता है यह समझने के लिए कि कम सूंघने की क्षमता हार्ट फेलियर से कैसे जुड़ी हुई है और इसका उपयोग भविष्य में रोकथाम या उपचार स्ट्रैटेजी को विकसित करने के लिए किया जा सकता है.