कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंश है, जो कई शारीरिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह हमारे ब्लड फ्लो और सेल मेम्ब्रेन में मौजूद एक प्रकार का फैट है. कोलेस्ट्रॉल को मुख्य रूप से दो प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है- गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) और बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल).


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कोलेस्ट्रॉल हार्मोन, विटामिन डी और पाचन में मदद करने वाले पदार्थों के उत्पादन के लिए आवश्यक है, लेकिन इसके असंतुलन स्तर (विशेष रूप से हाई एलडीएल लेवल) दिल से जुड़ी बीमारियों जैसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी), हार्ट अटैक और स्ट्रोक में योगदान दे सकता है. जब ब्लड फ्लो में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है, तो यह धमनियों की दीवारों में जमा होकर प्लेक बना सकता है, जिससे धमनियां सिकुड़ जाती है और दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.


एक्सपर्ट की राय
एक प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील वाणी बताते हैं कि एलडीएल-सी का स्तर को नियंत्रण में रखना आवश्यक है. इसे 40 से 60 के बीच रखना चाहिए. जिन व्यक्तियों को दिल की बीमारी का कोई पूर्व इतिहास नहीं है और जिनमें एलडीएल-सी का स्तर ऊंचा है, उन्हें भी इसे 100 से नीचे रखना चाहिए. हाई एलडीएल लेवल के उपचार में दवाएं मुख्य आधार रही हैं. एलडीएल-सी में कमी नए दिल से जुड़ी घटनाओं को होने से रोकती है.


एलडीएल-सी लेवल
दिल से जुड़ी समस्याओं को कंट्रोल करने और रोकथाम में एलडीएल-सी के स्तर को बढ़ाने के कारणों को समझना महत्वपूर्ण है. नीचे कुछ सामान्य कारण बताए गए हैं, जो आपके एलडीएल-सी स्तरों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं:


डाइट की भूमिका
तले हुए और प्रोसेस्ड फूड में पाए जाने वाले सेचुरेटेड और ट्रांस फैट से भरपूर डाइट लेने से एलडीएल-सी में वृद्धि होती है. ये फैट शरीर में चयापचय करती हैं और अंततः धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमा होने में योगदान करती हैं.


शारीरिक व्यायाम की कमी
नियमित व्यायाम से हाई-डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती है, जो लाभदायक है और एलडीएल-सी के लेवल को कम करता है. दूसरी ओर, एक गतिहीन लाइफस्टाइल, एलडीएल-सी के निर्माण को बढ़ावा देती है.


जेनेटिक्स और पारिवारिक इतिहास
कुछ जेनेटिक्स स्थितियां एलडीएल-सी के हाई लेवल का कारण बन सकती हैं, जिससे व्यक्तियों को दिल से जुड़ी समस्याओं का अधिक खतरा होता है.


मोटापा/अधिक वजन
शरीर का अधिक फैट (विशेष रूप से पेट के आसपास) शरीर के कोलेस्ट्रॉल संतुलन को बाधित करता है, जिससे एलडीएल-सी का स्तर बढ़ जाता है.


धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन
ये आदतें न केवल दिल की सेहत के लिए हानिकारक हैं, बल्कि एलडीएल-सी के लेवल को भी काफी बढ़ा सकती हैं. दोनों आदतें धमनियों के सख्त बनाती है या सिकोड़ देती हैं.


डायबिटीज और किडनी की बीमारी
डायबिटीज और किडनी रोग जैसी कई बीमारियां कोलेस्ट्रॉल के लेवल में असंतुलन पैदा कर सकती हैं. डायबिटीज एलडीएल-सी को रेगुलेट करने की शरीर की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे लेवल बढ़ जाता है.