HMPV और COVID-19 सेम-सेम है या डिफरेंट? जानिए दोनों वायरस को जोड़कर देखना कितना सही
एचमपीवी इंफेक्शन के मामले जब से चीन और भारत में सामने आए हैं, काफी लोग इसकी तुलना कोरोना वायरस से कर रहे हैं, लेकिन क्या दोनों बीमारियों में कोई समानता है भी या नहीं?
HMPV and Coronavirus: भारत के कई राज्यों में एचएमपीवी के मामले सामने आ चुके हैं. ये वायरस खासकर बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है. अब तक कई बच्चे इसकी जद में आ चुके हैं. इसके बाद से पैरेट्स में अपने बच्चों को लेकर फिक्रमंद हैं उधर, स्वास्थ्य विभाग ने सभी को निजी स्तर पर इस वायरस को लेकर एहतियात बरतने की सलाह दी है. हालांकि, हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से साफ किया जा चुका है कि घबराने की जरूरत नहीं है.
कोविड से कंपेयर कर रहे हैं लोग
इसके अलावा, कुछ लोग इसे कोरोना वायरस से भी जोड़कर देख रहे हैं, जिसे देखते हुए आईएएनएस ने इस पर फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीनियर डायरेक्टर और यूनिट प्रमुख पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के हेड डॉ. प्रशांत सक्सेना (Dr. Prashant Saxena) से खास बातचीत की. डॉ. सक्सेना बताते हैं कि एचएमपीवी वायरस हमारे यहां कोई नया नहीं है. कई बार यह यहां देखने को मिल चुका है. कई दफा ये युवाओं और बुजुर्गों को भी अपनी चपेट में लेता रहा है.
एचएमपीवी के लक्षण
डॉ. बताते हैं कि इस वायरस की चपेट में आने के बाद इंसान में सामान्य लक्षण देखने को मिल सकते हैं, जिसमें बुखार, नाक बंद होना, गले, सिर और छाती में दर्द होना जैसे लक्षण शामिल हैं. 90 फीसदी स्थिति में यह सामान्य होते हैं, तो ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा, इसके कुछ वेरिएंट भी होते हैं, जिसमें मरीज को निमोनिया और ऑक्सीजन में कमी जैसे कंडीशन का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन, आमतौर पर ऐसे मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं.
कैसे बच सकते हैं आप?
इसकी रोकथाम के बारे में बताते हुए डॉ. सक्सेना कहते हैं कि मौजूदा वक्त में इसका कोई मेडिकल ट्रीटमेंट उपलब्ध नहीं है, तो ऐसी स्थिति में आपको व्यक्तिगत स्तर पर एहतियात बरतना होगा. इस वायरस से निपटने के लिए मौजूदा समय में कोई उपचार मौजूद नहीं है, अभी इसका वैक्सीन डेवलप होने की प्रक्रिया में है, तो ऐसी स्थिति में निजी तौर पर प्रिवेंशन के जरिए आप इस तरह के वायरस का सामना कर सकते हैं.
कैसे संक्रमित हो सकते हैं आप?
अब सवाल यह है कि बीमारी फैलती कैसे है? तो इस बारे में वो बताते हैं कि अगर आप ऐसे शख्स के संपर्क में आएंगे, जो पहले से ही इस वायरस से संक्रमित है, तो आप भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं. वो बताते हैं कि अगर आप इस वायरस से बचना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको नियमित तौर पर मास्क पहनकर रखना होगा. इसके अलावा, उस इंसान के संपर्क में जाने से बचे, जो पहले से ही इस वायरस से ग्रसित हो. घर में दाखिल होने से पहले अपने हाथ जरूर धोएं. इसके अलावा, आप अपने खानपान का भी खास ख्याल रखें.
कोरोना से जोड़कर देखना कितना सही?
उधर, कुछ लोग एचएमपीवी वायरस को कोरोना से जोड़कर देख रहे हैं, जिसे डॉक्टर ने तुरंत खारिज कर दिया. उनका कहना है कि कोरोना वायरस एक नया वायरस था, जबकि यह कोई नया वायरस नहीं है. एचएमपीवी वायरस में मरीज दो से पांच दिन में ठीक हो जाता है, जबकि कोरोना में मरीज में लंबे समय तक लक्षण बने रहते हैं. कोरोना में आमतौर पर सूंघने और स्वाद की क्षमता खत्म हो जाती है. ऐसी स्थिति में आप कोशिश करें कि कम से कम घर से बाहर निकलें.
क्या चीन से आया है एचएमपीवी?
वहीं, सीके बिड़ला अस्पताल के डॉ. तुषार तायल (Dr. Tushar Tayal) ने आईएएनएस को बताया कि सबसे पहले हमें ये समझना होगा कि यह वायरस चीन से नहीं आया है. ये पहले से ही हमारे वातावरण में मौजूद था. हां, इतना जरूर कह सकते हैं कि चीन में टेस्टिंग के दौरान इस वायरस का पता चला है, तो कुछ ये लोग दावा कर रहे हैं कि यह वायरस चीन से आया है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. भारत में भी कई लोग इस वायरस की चपेट में आए हैं, जिनका चीन से कोई लेना देना नहीं हैं. उनकी ट्रैवल हिस्ट्री का चीन से कोई संपर्क नहीं है.
कोविड और एचएमपीवी में क्या है कॉमन?
डॉ. तुषार बताते हैं कि दोनों ही वायरस में मूल रूप से ये समानता है कि दोनों सांस के जरिए एक दूसरे में फैलते हैं. दोनों ही वायरस एक ही प्रक्रिया के तहत एक दूसरे में फैलते हैं. अंत में दोनों वायरस में समानता है कि इनके लिए अभी तक कोई भी दवा नहीं बनी है. इसके अलावा, दोनों के लक्षण भी एक ही हैं. हालांकि, कोरोना में थोड़े से अतिरिक्त लक्षण पाए जाते हैं. वो बताते हैं कि इसमें कई तरह के लक्षण होते हैं, जैसे नाक बहना या नाक ब्लॉक हो जाना, गले में खराश होना, गले में दर्द होना, खांसी होना, बुखार आना, शरीर में दर्द होना सहित अन्य लक्षण इस वायरस में पाए जा सकते हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.