नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus second wave) भारत में बहुत तेजी से फैल रही है. बीते 24 घंटे में कोरोना के 2 लाख से भी ज्यादा संक्रमित मरीजों के मामले सामने आए हैं. इंफेक्टेड मरीजों की संख्या अचानक बहुत ज्यादा बढ़ने की वजह से कई अस्पतालों में बेड की भी कमी हो गई है. ऐसे में कोरोना के गंभीर मामलों वाले मरीजों (Serious patients) को ही सिर्फ अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. वैसे मरीज जिनमें बीमारी के हल्के या मध्यम श्रेणी के लक्षण दिख रहे हैं उन्हें होम आइसोलेशन (Home isolation) में रहने की सलाह दी जा रही है. 


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होम आइसोलेशन का मतलब है मरीज अपने ही घर में रहेगा लेकिन परिवार के बाकी सदस्यों से अलग और घर पर ही कोरोना के मरीज का इलाज होगा (Treatment at home). 80 फीसदी से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में रहकर ठीक भी हो रहे हैं. इस दौरान किन जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए (Important rules) ताकि मरीज की रिकवरी तेज हो और परिवार के बाकी सदस्य संक्रमण (Infection) से बचे रहें, इस बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं.


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घर पर ही आइसोलेट होने वाले मरीजों के लिए जरूरी नियम


-बेहद जरूरी है कि आपके घर में एक अलग हवादार कमरा हो जिसमें कोरोना के मरीज को रखा जाए और साथ ही एक अलग टॉयलेट (Separate room and toilet) भी हो जिसे सिर्फ संक्रमित मरीज ही इस्तेमाल करे और परिवार के बाकी सदस्य नहीं.


-होम आइसोलेशन में रहने वाले हल्के लक्षणों वाले कोरोना मरीज को अपने कमरे की खिड़कियां खुली रखनी चाहिए (Keep windows open) ताकि हवा और धूप कमरे में आ सके. 


-मरीज को हर वक्त मास्क पहनकर रखना चाहिए (Always wear mask) और हर 6 से 8 घंटे में मास्क को चेंज करना चाहिए. साथ ही मरीज के खाने का बर्तन, तौलिया, कपड़े और चादर वगैरह बिल्कुल अलग रखें और घर का कोई और सदस्य उन्हें इस्तेमाल न करे.


-कोरोना के मरीज को दिन में 2-3 बार बुखार चेक करना चाहिए (Check for fever). ध्यान रहे कि बुखार 100 डिग्री फैरेनहाइट से ज्यादा न हो. साथ ही ऑक्सीमीटर की मदद से खून में ऑक्सीजन का लेवल (Oxygen level) भी चेक करते रहें. इसका लेवल 94 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए.


-अगर घर पर इलाज करने के दौरान बुखार तेज हो जाए, सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही हो, ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगे, मरीज को बेचैनी, घबराहट, सिर में तेज दर्द जैसी समस्याएं हों तो तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के लिए जाएं (Get admitted in hospital).


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कोरोना के मरीज खाने में इन बातों का रखें ध्यान


कोरोना संक्रमित मरीज ज्यादा नमक न खाएं, प्रोसेस्ड फूड यानी डिब्बाबंद वाली चीज़ें न खाएं (Avoid salty and processed food). आलू के चिप्स भी न खाएं उसमें भी नमक ज्यादा होता है. इनकी वजह से इम्यून सिस्टम कमजोर (Weak immune system) होने लगता है जिससे बीमारी ठीक होने की बजाए और बढ़ सकती है. रेड मीट (Avoid red meat) में भी सैचुरेटेड फैट होता है इसलिए रेड मीट भी न खाएं. बहुत ज्यादा तला-भुना या मसालेदार खाना भी न खाएं. कोरोना के मरीजों को प्रोटीन, आयरन, जिंक, विटामिन डी और विटामिन बी से भरपूर चीजें खिलाएं. 


रोजाना की डाइट में भीगा हुआ बादाम, अखरोट, खजूर, काजू किशमिश आदि को शामिल करें. दाल चावल, हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल और सब्जियां, मूंगफली, हल्दी वाला दूध, पोहा, नींबू पानी, नारियल पानी, साबूदाना, उपमा, घी आदि पोषण से भरपूर चीजों को शामिल करें. थोड़ी बहुत एक्सरसाइज भी जरूर करें ताकि आपकी सेहत बनी रहे. 


(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)


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