High Cholesterol Ke Lakshan: आज के समय में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या बहुत आम हो गयी है. युवाओं में भी कोलेस्ट्रॉल की शिकायत तेजी से बढ़ रही है. यह एक गंभीर स्थिति है क्योंकि बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल से हार्ट अटैक का खतरा होता है. लेकिन आखिर कोलेस्ट्रॉल को दिल का दौरा पैदा करने में कितना समय लगता है, और इसके संकेत क्या होते हैं? स्वस्थ रहने के लिए समझना बहुत जरूरी है-


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डॉ. टी.एस. क्लेर, चेयरमेन और एचओडी - बीएलके-मैक्स हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट, बीएलके - मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट अटैक का आना एक धीमी प्रक्रिया है. इसमें वर्षों या दशकों का समय लग सकता है. 


कोलेस्ट्रॉल से हार्ट अटैक कब होता है?


स्टेज- 1  जब कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है, और धमनियों की आंतरिक दीवारों पर जमा होने लगता है. इसके जवाब में, इम्यून सिस्टम सफेद रक्त कोशिकाओं को LDL पर हमला करने के लिए भेजता है, जिससे सूजन होती है. समय के साथ, ये प्लाक धमनियों को कठोर कर देते हैं, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है.


स्टेज-2 प्लाक का विकास वर्षों तक जारी रहता है, जिससे धमनियां पतली होने लगती है और ब्लड सर्कुलेशन में बाधा आने लगती है. यह प्रक्रिया कई वर्षों से लेकर दशकों तक चल सकती है, जो कि खराब लाइफस्टाइल की आदतों और जेनेटिक जोखिम कारकों पर निर्भर करती है. इस दौरान, लोग अक्सर कोई लक्षण नजर नहीं आता है. 


स्टेज-3 इस प्वाइंट पर प्लाक फट सकता है, जिससे ब्लड क्लोटिंग होने लगती है. ऐसे में जब यह थक्का दिल तक पहुंचकर ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट पैदा करता है तो हार्ट अटैक आता है. यह समयावधि हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है. कुछ लोगों में 30 या 40 साल की उम्र में गंभीर प्लाक जमाव विकसित हो सकता है, जबकि दूसरों में यह समस्या 60 या 70 साल की उम्र में होती है.

इसे भी पड़ें- Heart Attack Symptoms: 30 दिन पहले ही हार्ट अटैक का लगाया जा सकता है पता, दिखने लगते हैं ये 7 लक्षण; आप तो नहीं कर रहे इग्नोर


 


हाई कोलेस्ट्रॉल के जानलेवा संकेत

एक्सपर्ट बताते हैं कि कोलेस्ट्रॉल के लक्षण आमतौर पर तब तक दिखाई नहीं देते जब तक कि यह गंभीर हार्ट संबंधी घटनाओं का कारण नहीं बनता. फिर भी, कुछ संकेत और लक्षण होते हैं जो बढ़े हुए जोखिम को दर्शाते हैं, उनमें छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी, थकान या चक्कर आना, बाहों, गर्दन, जबड़े, या पीठ में दर्द, अंगों में सुन्नता या ठंडक शामिल हैं.


कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण

संतृप्त और ट्रांस वसा से भरपूर आहार, जैसे प्रोसेस्ड फूड्स और लाल मांस, LDL कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही एक्सरसाइज की कमी, धूम्रपान, डायबिटीज  कोलेस्ट्रॉल के लेवल को गंभीर रूप से बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. 

इसे भी पढ़ें- होम्योपैथी डॉक्टर की चेतावनी- किचन से तुरंत हटाएं ये 6 तेल, खून की नली में जमा देंगे कचरा, बिगड़ने लगेगा कोलेस्ट्रॉल लेवल


 


कैसे कंट्रोल करें कोलेस्ट्रॉल की बीमारी

हाई कोलेस्ट्रॉल के प्रभावों से बचने के लिए नियमित जांच जरूरी है. साथ ही संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान से बचना, और तनाव प्रबंधन जैसे जीवनशैली में बदलाव से प्लाक जमाव और दिल की बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है. कुछ मामलों में, डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए दवाएं भी लिख सकते हैं.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.