हेल्दी ईटिंग हैबिट्स को प्रमोट करने के लिए आईसीएमआर (ICMR) ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन ने कुछ गाइडलाइन्स जारी की है. इसमें चाय और कॉफी का सेवन करने वाले लोगों के लिए भी जरूरी बातें शामिल हैं, जो हेल्दी बॉडी के लिए बहुत अहम है. क्योंकि कैफीन का ज्यादा सेवन कई हेल्थ रिस्क से संबंधित होता है.


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आईसीएमआर के शोधकर्ताओं के अनुसार, चाय और कॉफी में कैफीन होता है. यह एक ऐसा यौगिक जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और शारीरिक निर्भरता का कारण बन सकता है. हालांकि, दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि बिना दूध वाली चाय पीने से कुछ स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, जिनमे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार और कोरोनरी धमनी रोग और पेट के कैंसर जैसी स्थितियों का कम जोखिम शामिल है. लेकिन यह लाभ तभी मिलते हैं जब आप इसका सेवन सही मात्रा, सही समय और सही तरह से करें.


कब पीनी चाहिए चाय-कॉफी?

मेडिकल बॉडी आईसीएमआर चाय-कॉफी भोजन से 1 घंटा पहले और 1 घंटा बाद पीने की सलाह देते हैं. इसका कारण यह है कि इन पेय पदार्थों में टैनिन की मौजूदगी होती है, जो शरीर में आयरन के अवशोषण को रोक सकता है. इससे संभावित रूप से आयरन की कमी और एनीमिया जैसी स्थितियां पैदा होती हैं. इसके अलावा, अत्यधिक कॉफी के सेवन से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और हार्ट संबंधित समस्याएं हो सकती हैं.

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कितनी मात्रा में करें चाय-कॉफी का सेवन?

आईसीएमआर 300 मिलीग्राम की दैनिक कैफीन सेवन सीमा की सिफारिश करता है. बता दें कि 150 मिलीलीटर कप ब्रू कॉफी में 80 से 120 मिलीग्राम कैफीन होता है, जबकि इंस्टेंट कॉफी में 50 से 65 मिलीग्राम तक होता है. चाय में प्रति सेवन लगभग 30 से 65 मिलीग्राम कैफीन होता है.


खानपान में इन चीजों का ध्यान रखना भी जरूरी

चाय और कॉफी के सेवन को कंट्रोल करने के अलावा, आईसीएमआर तेल, चीनी और नमक के सेवन को सीमित करने की वकालत करते हैं. साथ ही डाइट में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, दुबले मांस और सी फूड्स को शामिल करने की सलाह देते हैं.