नई दिल्ली: बेहतर डाइट न लेने से ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, आंखों की रोशनी और हड्डियों में कमजोरी आती है. यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने का काम करते हैं. कम कैलोरी डाइट लेने की वजह से शरीर में मिनरल (minirals) और इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन गड़बड़ हो जाता है. जिसका असर नर्व और मांसपेशियों में देखने को मिलता है. इसके अलावा इसकी वजह से दिमाग में सेरोटोनिन (serotonin ) की मात्रा कम हो जाती है. जिससे क्लिनिकल डिप्रेशन (depression) की समस्या हो जाती है.


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अकसर महिलाओं में समुचित डाइट न लेने से महिलाओं में एनीमिया, अनियमित मासिक धर्म, बाल, नाखूनों और त्वचा जैसी शिकायतें देखने को मिलती है. कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate) की कम मात्रा लेने से केटोसिस की समस्या हो जाती है, जिसका असर किडनी (kidney) पर पड़ता है. कार्बोहाइड्रेट आपके दिमाग और शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है. शरीर को जितनी कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है, उससे कम लेने से शरीर में कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं (mental issue) होती है. खाना खाते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपको कितनी कैलोरी की आवश्यकता है.


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डाइट में इन्हें न करें नजरअंदाज


दूध है जरूरी  
दूध प्रत्येक आयु वर्ग की रोजमर्रा की जीवशैली में शामिल होना चाहिए। हालांकि दूध की शुद्धता को लेकर कई तरह के सवाल उठते रहते हैं. दूध में पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, विटामिन ए, डी, फॉस्फोरस, विटामिन बी12, प्रोटीन, पौटेशियम, जिंक और मैग्नीशियम की अधिकता होती है. यह हड्डियों की मजबूती के लिहाज से बेहतर होता है. गर्भवती महिलाओं के लिए दूध काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा होती है. उम्र बढ़ने के साथ लोगों की भूख कम होती है, ऐसे में उन लोगों के लिहाज से काफी उपयोगी होते हैं.


फैट से न करें परहेज
शरीर की कोशिकाओं को मजबूत करने के लिए, हार्मोन मैनुफैक्चर करने के लिए, ऊर्जा प्रदान करने में और अंगों की रक्षा करने के लिहाज से लाभदायक होता है. विटामिन ए, डी, ई और के फैट में घुलनशील हो जाते है, ऐसे में शरीर से उनका उत्सर्जन जरूरी हो जाता है. फैट की पर्याप्त मात्रा ही शरीर के लिए आवश्यक है, लेकिन इसे अपनी डाइट से नदारद नहीं करना चाहिए. डाइट में ली जाने वाली फैट कैलोरी की मात्रा, कुल ली जाने वाली कैलोरी से दस प्रतिशत अधिक नहीं होनी चाहिए. शरीर को फैट की आवश्यकता कम मात्रा में होती है. डाइट में फैट की जरूरत इसलिए होती है कि ताकि जरूरी हार्मोन बन सकें और फैट में घुलनशील विटामिनों का अवशोषण हो सकें.


शाम को कम खाना
डिनर के समय शरीर को कम कैलोरी की आवश्यकता होती है. चूंकि आपको दिन के समय शारीरिक रूप से ज्यादा काम करते हैं और इस दौरान आपको अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है. शाम के समय शरीर थका हुआ होता है, ऐसे में उसे खाना पचाने के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है. अगर आपने रात को देर में डिनर कर रहे हैं, ऐसे में खाने से पहले थोड़ा स्नैक खा लें, जिससे आपको भूख कम लगेगी.


गर्भवती महिलाओं के लिए कैलोरी
सामान्य महिला को जहां रोजाना 2100 कैलोरी चाहिए, वहीं गर्भवती महिला को 2500 कैलोरी की जरूरत होती है. स्तनपान कराने वाली महिला को 3000 कैलोरी प्रतिदिन चाहिए. 10 प्रतिशत कैलोरी प्रोटीन से, 35 प्रतिशत कैलोरी वसा से और 55 प्रतिशत कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आनी चाहिए.


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(नोट: कोई भी उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें)