Cancer Diagnosis: Mouth Cancer के निदान के लिए बनाया गया टूथब्रश, पहले स्टेज पर ही पकड़ में आ जाएंगे कैंसर सेल्स
How To Detect Mouth Cancer: कैंसर चाहे किसी भी अंग में शुरू हो इसे जानलेवा बनने से रोकने के लिए शुरुआती स्टेज पर पहचानना बहुत जरूरी होता है. ऐसे में माउथ कैंसर को फर्स्ट स्टेज में डायग्नोस करने वाला ये डिवाइस एक बड़ी उपलब्धि है.
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जो पुरुषों और बुढ़े लोगों महिलाओं के मुकाबले बहुत कॉमन है. डब्लूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में ओरल कैंसर से लगभग 1,77,757 लोगों की मौत के मामले रिकॉर्ड किए गए थे. यह कैंसर मुख्य रूप से तंबाकु और खराब ओरल हाइजीन के कारण होता है.
ओरल कैंसर के लक्षण इतने मामूली होते हैं कि इन्हें शुरुआती स्टेज पर पहचान पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. कई बार लोग इसे नजरअंदाज करने की भी भूल कर बैठते हैं. ऐसे में आईआईटी कानपुर के साइंटिस्ट और जेके कैंसर इंस्टीट्यूट के डॉक्टर द्वारा तैयार किया गया टूथब्रश जैसा दिखने वाला डिवाइस बहुत ही मददगार साबित होने वाला है. एक्सपर्ट का दावा है कि यह डिवाइस पहले स्टेज पर ही मुंह के कैंसर को पकड़ने में सक्षम है.
सेकंड भर में चलेगा कैंसर का पता
आईआईटी कानपुर के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. जयंत कुमार सिंह व उनकी टीम ने यह डिवाइस विकसित की है. संस्थान ने इस डिवाइस का नाम 'मुख परीक्षक' रखा है. प्रो. सिंह ने बताया कि अभी तक मुंह के कैंसर की पहचान के लिए टिश्यू से जांच होती है, जिसमें काफी समय लगता है. लेकिन इस डिवाइस से जांच करने में टिश्यू नहीं लेना पड़ेगा और जांच रिपोर्ट भी कुछ सेकेंड में मिल जाएगी.
ऐप पर मिलेगी रिपोर्ट
कैंसर का पता लगाने के लिए इस डिवाइस को मुंह के अंदर घूमाना होगा. इसमें लगे कैमरे और सेंसर मुंह के अंदर की पिक्चर को संस्थान के द्वारा डेवलप किए गए ऐप पर सेंड करेंगे. इसके आधार पर यह पता चल जाएगा कि मरीज को कैंसर है या नहीं.
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छोटे दानों की भी करता है बारीकी से जांच
डिवाइस में AI सेंसर का इस्तेमाल किया गया है, जो मुंह के हर हिस्से की बारीकी से जांच करता है. इसे छोटे से दाने को भी डिटेल में एनालिसिस करने के लिए तैयार किया गया है. जिससे की पहली स्टेज पर ही कैंसर सेल्स का पता लग जाएगा.
डिवाइस में है ये फीचरी
हेंडहैल्ड और पोर्टेबल
सेल्फ पावर बेकअप
वायरलेस कनेक्शन
केमिकल फ्री
डेटा स्टोरेज
जल्दी होगा मार्केट में उपलब्ध
ट्रायल कानपुर स्थित जेके कैंसर अस्पताल के अलावा देश के कई अन्य अस्पतालों में सफल रहा. जल्द ही निजी कंपनियों के साथ समझौता कर तकनीक का लाइसेंस दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि मार्केट में इसकी कीमत 1 लाख से कम ही होगी. 6 महीने के भीतर इस डिवाइस को खरीदा जा सकेगा.