अब सफदरजंग में खास एंडोस्कोपी के जरिए होगा बच्चों का इलाज, ऐसा करने वाला देश का पहला सरकारी अस्पताल
बच्चों के इलाज में कोई दिक्कत न आए इसके लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीडियाट्रिक एंडोस्कोपी सूट खोला गया है. यहां मुफ्त या कम खर्च में डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट मुमकिन हो पाएगा.
Pediatric Endoscopy At Safdarjung Hospital: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने बच्चों के लिए डेडिकेट एक ए़डवांस एंडोस्कोपी सूट और 10-बेड वाले डे केयर विभाग का उद्घाटन करते एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
कौन-कौन सी फैसिलिटीज?
ये पीडियाट्रिक एंडोस्कोपी सूट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) की मदद से शुरू किया गया है. इस एंडोस्कोपी सूट का मकसद बच्चों को गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी बीमारियों के लिए डायग्नोसिक और मेडिकल एंडोस्कोपी फैसिलिटी प्रोवाइड करना है. इस सूट में एक प्रशिक्षित और समर्पित टीम रखी गई है। ये फिलिटी फ्री या बहुत कम कीमत पर पेशेंट को मिलेगी.
'एक बड़ी कामयाबी'
सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. संदीप बंसल (Dr. Sandeep Bansal) ने कहा, ''केंद्र सरकार ने हमें ये फैसिलिटी दी है. एक पैंक्रियाटिक एंडोस्कोपी यूनिट (Pancreatic Endoscopy Unit) और डे केयर सुविधा (Day Care Facility) सफदरजंग अस्पताल में स्थापित की गई है. ये अपने-आप में अहम मील का पत्थर है, क्योंकि यह सुविधा भारत सरकार द्वारा पहली बार दी गई है, जिसमें डायग्नोस्टिक और थेराप्यूटिक यानी डायग्नोस्टिक और ट्रीटमेंट दोनों तरह की सुविधाएं एक साथ मौजूद हैं.''
डॉ. संदीप ने बताया कि खास तौर से ये उन बच्चों के लिए बहुत जरूरी है, जो बहुत छोटे हैं. पहले हम बच्चों के लिए एडल्ट एंडोस्कोपी यूनिट में कुछ वक्त निकाल कर पीडियाट्रिक एंडोस्कोपी करते थे, जिसमें एक लिमिट थी कि हम 10 किलोग्राम से कम वजन वाले बच्चों की जांच नहीं कर पाते थे. अब इस नई सुविधा के जरिए हम नवजात शिशुओं (न्यूबॉर्न चिल्ड्रन) और प्रीमैच्योर बच्चों की भी एंडोस्कोपी करने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने बताया कि ये सिर्फ जांच नहीं, बल्कि इलाज की सुविधा भी प्रदान करता है. यानी अब हमारे अस्पताल में एंडोस्कोपी के द्वारा बच्चों का इलाज भी किया जा सकता है.
डॉक्टर्स की काबिल टीम करेगी इलाज
डॉ. संदीप ने बताया, ''इसकी कामयाबी के लिए हमारे पास एक बहुत ही काबिल टीम है, जिसमें पेडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट के हेड डॉ. रतन गुप्ता (Dr. Ratan Gupta), और पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (Pediatric Gastroenterology) की प्रोफेसर डॉ. मीना (Dr Meena) हैं. इसके साथ मेरे साथ 2 युवा सहयोगी डॉ. रिचा और डॉ. मीना शामिल हैं. हम एक बहुत ही अच्छी टीम तैयार कर रहे हैं, क्योंकि यह एक बहुत ही Kem और बहुत ही कम जगहों पर उपलब्ध सुविधा है, यहां तक कि ये सुविधा निजी अस्पतालों में भी नहीं है. हमारे लोग बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और इसके लिए मैं भारत सरकार और हमारे स्वास्थ्य मंत्रालय को धन्यवाद देना चाहूंगा, जिन्होंने इस दिशा में हमारी मदद की.''
(इनपुट-आईएएनएस)