डेंगू बुखार का प्रकोप भारत में एक गंभीर समस्या है. हर साल हजारों लोग इस वायरल बीमारी की चपेट में आते हैं. वैज्ञानिक अब डेंगू के प्रकोप का पहले से अनुमान लगाने के लिए एक नए तरीके पर शोध कर रहे हैं और यह तरीका काफी दिलचस्प है. हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ट्रॉपिकल हिंद महासागर की सतह के तापमान में असामान्य बदलाव दुनिया भर में डेंगू के प्रकोप की तीव्रता और समय का अनुमान लगाने में मदद कर सकते हैं.


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अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 'इंडियन ओशन बेसिन-वाइड (IOBW)' इंडेक्स की पहचान की है, जो अनिवार्य रूप से ट्रॉपिकलहिंद महासागर में सतह के तापमान में होने वाले बदलावों का औसत दर्शाता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि IOBW इंडेक्स में होने वाले बदलाव उत्तरी और दक्षिणी दोनों हेमिस्फीयर में डेंगू के प्रकोप से तीन महीने पहले तक जुड़े हुए होते हैं.


अध्ययन के सह-लेखक डॉ. राहुल भट्टाचार्य (बीजिंग नॉर्मल यूनिवर्सिटी, चीन) का कहना है कि कि यह इंडेक्स (IOBW) संभावित रूप से डेंगू के पूर्वानुमान के लिए अग्रिम सूचना दे सकता है, जिससे बेहतर प्रतिक्रिया योजनाओं को तैयार करने और प्रकोपों को कम करने में मदद मिल सकती है." हालांकि, अभी भी इस क्षेत्र में और अधिक शोध की आवश्यकता है. अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ विन्सेंट जेड. गोंजालेज (इंस्टीट्यूट पाश्चर, फ्रांस) ने यह स्पष्ट किया कि हालांकि हमारा मॉडल देखे गए पैटर्न को पकड़ने की क्षमता प्रदर्शित करता है, भविष्य के आंकड़ों की कठोर मान्यता के बिना इसके भविष्य कहने की क्षमता के बारे में कोई दंभ नहीं होना चाहिए.


फिर भी, यह खोज डेंगू के प्रकोप की भविष्यवाणी के लिए एक आशाजनक नया रास्ता दिखाती है. समय पर पूर्वानुमान से स्वास्थ्य अधिकारियों को मच्छर कंट्रोल अभियान चलाने और लोगों को सतर्क करने का समय मिल सकता है, जिससे डेंगू के मामलों की संख्या को कम किया जा सकता है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि क्षेत्रीय तापमान में बदलाव डेंगू के लिए उपयुक्त वातावरण को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे मच्छरों के पनपने और वायरस के फैलने की संभावना बढ़ जाती है.


डेंगू के प्रकोप की रोकथाम के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपाय करें, जैसे कि घरों के आसपास साफ-सफाई बनाए रखना और स्थिर जल को जमा न होने देना. साथ ही, हमें खुद को मच्छरों से बचाने के लिए जालीदार दरवाजे और खिड़कियां लगवाना चाहिए और पूरी बांह के कपड़े पहनने चाहिए. यह नया शोध डेंगू के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. भविष्य में, हिंद महासागर की निगरानी करके हम डेंगू के प्रकोप के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे