कोविड होने के बाद सांस से जुड़ी समस्याओं का होना नॉर्मल; नई रिसर्च का खुलासा
Covid Side Effects: कोविड होने के बाद की जिंदगी आसान नहीं है. इस इंफेक्शन के खत्म होने के बाद भी इसके साइड इफेक्ट्स शरीर में बने रहते हैं.
कोविड वायरस से महामारी को भले ही दो साल से ज्यादा का समय होने जा रहा है. लेकिन कई लोग कोविड से ठीक होने के बाद भी लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जो अन्य सांस संबंधी बीमारियों के बाद भी आम होता है.
यूके की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में 1,90,000 प्रतिभागियों का डेटा विश्लेषण किया है, जिसमें कोविड के कारण और लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (एलआरटीआई) के कारण अस्पताल में भर्ती हुए लोगों की तुलना की गई है.
क्या थी स्टडी
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा- एक समूह कोविड से अस्पताल में भर्ती लोगों का था, जबकि दूसरा समूह एलआरटीआई के कारण भर्ती लोगों का था. इन प्रतिभागियों ने 45 शारीरिक और मानसिक लक्षणों की जानकारी दी, जिसमें कान, नाक, गले, श्वसन, तंत्रिका तंत्र, पाचन तंत्र और मांसपेशियों से जुड़े लक्षण शामिल थे.
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लक्षणों का विश्लेषण
अध्ययन के निष्कर्ष जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित हुए हैं. इसके अनुसार, कोविड से अस्पताल में भर्ती लोगों में 45 में से 23 लक्षणों का जोखिम अधिक था, जबकि एलआरटीआई से प्रभावित लोगों में यह संख्या 18 थी. शोधकर्ता डॉ. जुनकिंग शि के अनुसार, कोविड के बाद लंबे समय तक लक्षण बने रहना नई बात नहीं है, यह अन्य गंभीर श्वसन संक्रमणों में भी देखा गया है.
कोविड के प्रमुख लक्षण
डॉ. जुनकिंग ने बताया कि कोविड मरीजों को थकान, सांस लेने में कठिनाई और ध्यान में कमी जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले अध्ययनों ने स्वाद की कमी जैसे लक्षणों का भी उल्लेख किया है. इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोविड के मरीजों में सोचने और संवाद करने में कठिनाई अन्य श्वसन संक्रमणों की तुलना में अधिक थी.
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एक्सपर्ट की राय
डॉ. जुनकिंग ने जोर दिया कि हमें अन्य गंभीर श्वसन संक्रमणों के दीर्घकालिक प्रभावों को समझने और उनके कारणों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है. इससे बेहतर स्वास्थ्य देखभाल योजना और उपचार विकसित करने में मदद मिल सकती है.