नई दिल्ली: कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या रोजाना जिस तेजी से बढ़ रही है, उसी तेजी से हर दिन कोरोना वायरस (Coronavirus) से जुड़ी कोई नई बात सामने आ रही है. कई स्टडीज की मानें तो हल्के लक्षणों (Mild Symptoms) वाले कोविड-19 के करीब 50 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जिनमें संक्रमण ठीक हो जाने के बाद यानी उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उनकी सेहत पूरी तरह से ठीक नहीं होती. ऐसे मरीजों में करीब 6 महीने तक कोरोना से जुड़ी कोई न कोई दिक्कत बनी रहती है. इसे ही लॉन्ग कोविड या पोस्ट-कोविड सिंड्रोम (Long Covid or Post Covid Syndrome) नाम दिया गया है.


क्या है लॉन्ग कोविड?


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कई रिसर्च का यह सुझाव है कि कोविड-19 के हल्के लक्षणों वाले मरीज आम तौर पर संक्रमित होने के 1 से 2 हफ्ते के अंदर ठीक हो जाते हैं वहीं गंभीर लक्षणों वाले मरीजों (Severe symptoms) को ठीक होने में 6-7 हफ्ते का समय लगता है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट की मानें तो कोविड-19 से रिकवर होने के बाद यानी मरीज की रिपोर्ट निगेटिव (After recovering) आने के बाद भी अगर उनमें हल्की खांसी, सिर दर्द, बदन में दर्द, थकान, सांस लेने में परेशानी या स्वाद और सुगंध महसूस न होने जैसी दिक्कतें देखने को मिलें तो इसे ही लॉन्ग कोविड कहा जाता है.


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पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में लॉन्ग कोविड की समस्या


ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिसटिक्स ने एक सर्वे किया था जिसमें 20 हजार लोगों ने हिस्सा लिया. इस सर्वे से पता चला कि कोविड-19 से संक्रमित होने वाले हर 5 में से 1 व्यक्ति में ठीक होने के बाद भी 5 से लेकर 12 हफ्तों तक बीमारी के लक्षण नजर आए (Symptoms continued till 5-12 weeks). लॉन्ग कोविड की ये समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दोगुनी से भी अधिक है. 


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लॉन्ग कोविड के इन लक्षणों को इग्नोर न करें


लगातार खांसी होना- कोविड-19 की वजह से अगर मरीज को खांसी हुई है तो श्वसन पथ में इसकी वजह से इन्फ्लेमेशन हो सकता है जिस कारण इंफेक्शन ठीक होने के बाद भी कई हफ्तों या महीनों तक खांसी (Cough Continues) बनी रह सकती है.


डायरिया- स्टडी की मानें तो कोविड-19 का आपके पाचन तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है जिसकी वजह से लंबे समय तक डायरिया की समस्या (Diarrhea) बनी रह सकती है.


भूख न लगना- बीमारी से रिकवर होने के बाद भी कई मरीजों के स्वाद लेने की क्षमता वापस नहीं आती जिस वजह से उन्हें ठीक से भूख नहीं लगती (Loss of Appetite) और खाने का मन नहीं करता. यह समस्या भी कई हफ्तों तक बनी रह सकती है.


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कमजोरी- कई स्टडीज में बताया गया है कि लॉन्ग कोविड से जूझ रहे करीब 80 प्रतिशत मरीज थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness) महसूस करते हैं. 


सांस फूलना- कोविड-19 रेस्पिरेटरी यानी सांस से जुड़ी बीमारी है तो जाहिर सी बात है कि इंफेक्शन ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक मरीजों को सांस लेने में दिक्कत (Loss of Breath) का सामना करना पड़ता है.


आवाज भारी होना- कई बार रिकवर होने के बाद भी मरीजों में गले में खराश, गले में दर्द या भी आवाज भारी होना (Hoarse Voice) जैसी दिक्कतें भी कई-कई हफ्तों तक बनी रहती हैं.


(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)


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