बच्चों की अच्छी नींद माता-पिता के लिए ही नहीं, उनके मेंटल हेल्थ के लिए भी बहुत जरूरी है. हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि बचपन में पूरी नींद न ले पाने वाले बच्चों में वयस्क होने पर दिमागी बीमारी, खासकर साइकोसिस (psychosis) का खतरा बढ़ सकता है.


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यह अध्ययन ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था. इस अध्ययन में 12 हजार से ज्यादा बच्चों की नींद के पैटर्न का विश्लेषण किया गया. शोधकर्ताओं ने 6 महीने से 7 साल की उम्र के दौरान बच्चों की नींद की अवधि की जानकारी ली और फिर 24 साल की उम्र में उनके मेंटल हेल्थ का मूल्यांकन किया.


अध्ययन के नतीजे
अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले रहे. शोधकर्ताओं ने पाया कि जो बच्चे लगातार कम सोते थे, उनमें वयस्क होने पर साइकोसिस का खतरा दोगुना से ज्यादा था. साथ ही, ऐसे बच्चों में साइकोसोटिक एपिसोड (psychotic episode) का खतरा भी लगभग चार गुना बढ़ गया था. साइकोसोटिक एपिसोड वह स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति वास्तविकता से संपर्क खो देता है और उसे भ्रम होने लगते हैं.


अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. इसाबेल मोरालेस-मुनोज का कहना है कि यह अध्ययन नींद की कमी और साइकोसिस के बीच सीधा कारण और प्रभाव लिंक साबित नहीं करता है, लेकिन यह निश्चित रूप से एक मजबूत संबंध दिखाता है.


अध्ययन के मायने
यह अध्ययन बच्चों के नींद के पैटर्न पर ध्यान देने के महत्व को रेखांकित करता है. माता-पिता को बच्चों को रात में अच्छी नींद लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. साथ ही, अगर बच्चे को नींद से जुड़ी कोई समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. अध्ययन के निष्कर्ष भविष्य में साइकोसिस की रोकथाम के लिए रणनीति बनाने में भी मददगार हो सकते हैं. हालांकि, इस दिशा में और शोध की जरूरत है.


अच्छी नींद के लिए टिप्स
- बच्चों को रोजाना एक निश्चित समय पर सुलाएं और जगाएं.
- सोने से पहले टीवी या मोबाइल फोन जैसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल कम से कम करें.
- सोने से पहले शांत वातावरण बनाएं.
- नियमित व्यायाम भी अच्छी नींद के लिए फायदेमंद होता है.


अच्छी नींद न केवल बच्चों के शारीरिक विकास के लिए जरूरी है, बल्कि उनके मेंटल हेल्थ के लिए भी महत्वपूर्ण है. माता-पिता को बच्चों की नींद की आदतों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें पूरी नींद लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.