2 रुपये की इस चीज से दूर होगी कोलेस्ट्रॉल की समस्या, गलकर बाहर निकल जाएगा नसों में जमा Bad Cholesterol
Bad Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल एक फैटी जैसा पदार्थ है, जो खून में पाया जाता है. यह शरीर के लिए आवश्यक है, लेकिन अगर इसका स्तर बहुत अधिक हो जाए, तो यह खतरनाक हो सकता है.
कोलेस्ट्रॉल एक फैटी जैसा पदार्थ है, जो खून में पाया जाता है. यह शरीर के लिए आवश्यक है, लेकिन अगर इसका स्तर बहुत अधिक हो जाए, तो यह खतरनाक हो सकता है. कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है: गुड और बैड. गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है, जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) नसों में जमा जाता है, जिससे दिल की बीमारी, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत में 25-30% शहरी और 15-20% ग्रामीण लोग हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं. इससे चिंतित होकर लोग अक्सर यह पूछते हैं कि कोलेस्ट्रॉल लेवल को कैसे कम किया जाए. बैड कोलेस्ट्रॉल अनहेल्दी फूड जैसे तले हुए चीजे, प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड और अधिक फैट वाली चीजों से बढ़ता है. यदि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल भी अधिक है, तो आपको अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए और रोजाना 30-45 मिनट एक्सरसाइज करना चाहिए. कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए दवाएं भी उपलब्ध हैं, लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है.
कोलेस्ट्रॉल की दवा
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने के लिए स्टैटिन दवाओं का उपयोग किया जाता है. ये दवाएं शरीर में LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है. भारत में, स्टैटिन दवाओं की 10 टैबलेट की कीमत लगभग 24 रुपये (यानी 1 टैबलेट 2.4 रुपये की) है. इसलिए, कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए यह एक किफायती विकल्प है. स्टैटिन दवाओं का उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल धीरे-धीरे कम होता है। कुछ हफ्तों या महीनों में, आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल सामान्य हो सकता है. हालांकि, किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा सबसे अच्छा होता है. स्टैटिन दवाएं कुछ लोगों के लिए हानिकारक हो सकती हैं.
नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल लेवल
एलडीएल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को मिलाकर 200 mg/dL से कम होना सामान्य माना जाता है. 200 से 239 mg/dL का कोलेस्ट्रॉल लेवल उच्च सीमा पर होता है. 240 mg/dL और इससे अधिक का कोलेस्ट्रॉल लेवल बहुत अधिक होता है. इस लेवल में एथेरोस्क्लेरोसिस, दिल की बीमारी और हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है. अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल की नियमित जांच करें और इसे सामान्य सीमा में रखने की कोशिश करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.