Lemon Prevent Kidney Damage: विटामिन सी से भरपूर नींबू कैल्शियम के अवशोषण में सुधार करता है, जिससे हड्डियां मजबूत और हेल्दी बनती हैं. नींबू का पानी एक फ्रेश पेय है और लोगों के खूब पसंद भी आता है. नींबू का पानी किडनी को डैमेज होने से भी बचाता है. हमारी किडनी खून से विषाक्त पदार्थों और वेस्ट को बाहर निकाले का काम करता है. इसके साथ ही किडनी बीपी कंट्रोल करने, हड्डियों के हेल्थ, यूरिक एसिड जैसे रसायनों के लेवल को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और साइट्रिक एसिड से भरपूर नींबू का पानी से गंभीर किडनी रोग के मरीजों को भी कोई खतरा नहीं होता है.


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नींबू के पानी का सेवन करने से क्रिएटिनिन लेवल कम कर सकता है और इसके विकास में योगदान नहीं करेगा. क्रिएटिनिन एक वेस्ट रासायनिक उत्पाद है, जो हमारी मांसपेशियों के टूट-फूट का बाइ-प्रोडक्ट है. इंसान के पास जितनी अधिक मांसपेशियां होंगी, उतना ही अधिक उसके खून में क्रिएटिनिन मौजूद होगा. माना जाता है कि एक हेल्दी महिला के लिए क्रिएटिनिन क्लीयरेंस 95 मिली प्रति मिनट और पुरुषों के लिए 120 मिली प्रति मिनट से होता है. हालांकि क्रिएटिनिन क्लीयरेंस साइज ,उम्र और किडनी की स्थिति पर भी निर्भर करता है. नींबू पानी या जूस का सेवन क्रिएटिनिन लेवल को बढ़ा या घटा नहीं सकता है.


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नींबू का पानी या जूस पीने से गंभीर किडनी रोग के मरीजों की स्थिति खराब नहीं हो सकती. हालांकि नींबू के अधिक मात्रा में सेवन से कुछ अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. ज्यादा नींबू का पानी पीने से मतली, दस्त और उल्टी हो सकती है. यह मूत्रवर्धक के रूप में भी काम कर सकता है, जिसका मतलब है कि शरीर में तरल पदार्थों के उत्सर्जन को बढ़ाना. इसके परिणाम स्वरूप बार-बार पेशाब आता है.


नींबू पानी पीने का सही समय
वैसे तो नींबू पानी पीने का कोई सही समय नहीं होता है, लेकिन सुबह खाली पेट इसे पीना सबसे अच्छा माना जाता है. नींबू का पानी शरीर में एक क्षारीय वातावरण बनाता है. आप नींबू के पानी में अदरक और शहद डालकर भी सेवन कर सकते हैं. नींबू के पानी की एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी सामग्री किडनी के हेल्दी कामकाज को सपोर्ट करती है.


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