Lumpy virus havoc: भारत में लंपी वायरस का कहर जारी है. इससे अब तक 67 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है. देश के 8 से ज्यादा राज्यों में लंपी वायरस (lympy skin disease) के अधिकांश मामले सामने आए हैं. इन राज्यों में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है लंपी वायरस?
लंपी वायरस जानवरों की स्किन डिजीज है, जो Capripoxvirus के कारण होती है. ये गोटपॉक्स और शिपपॉक्स फैमिली का वायरस है. इस वायरस से गाय और भैंस बीमार होती है. मवेशियों में लंपी वायरस खून चूसने वाले कीड़े और मच्छरों से फैलता है. इस वायरस ने पहले बार 2019 में भारत, बांग्लादेश और चीन में दस्तक दी थी. 


राजस्थान ज्यादा प्रभावित
लंपी वायरस का कहर राजस्थान में ज्यादा देखने को मिला. यहां रोजाना करीब 600-700 मवेशियों की मौत हो रही है, जबकि अन्य राज्यों में ये आंकड़ा 100 के करीब है. राजस्थान के अलावा, यह वायरस गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में फैल गया है.


लंपी वायरस के लक्षण
मवेशियों को बुखार आना, वजन कम होना, आंखों से पानी निकलना, लार बहना, शरीर में दाने और भूख न लगना लंपी वायरस के लक्षण हो सकते हैं. इसके कारण मवेशियों का शरीर दिन प्रतिदिन और खराब होने लगता है.


कैसे करें बचाव
- लंपी रोग वाले मवेशियों को दूसरे जानवरों से अलग रखें
- मवेशियों को मक्खी, मच्छर से बचनाएं
- लंपी वायरस से मरने वाले मवेशियों का शव खुला न छोड़ें
- जहां मवेशियों को रखा है, वहां कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें


Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.