Malaria Vaccine: मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है और हर साल लाखों लोग इस मच्छर जनित बीमारी का शिकार हो जाते हैं. मलेरिया दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में शामिल है. मलेरिया से वजात शिशुओं और बच्चों की ज्यादा मौत होती है. बता दें कि हर साल दुनिया भर में करीब 4 लाख लोगों की मौत मलेरिया से होती है. इन सबके बीच, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मलेरिया की एक नई वैक्सीन बनाई है, जो अभी तक की सबसे प्रभावी वैक्सीन है. इसका नाम आर 21/मैट्रिक्स-एम (R21/Matrix-M) है.


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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ट्रायल के बाद कहा कि खतरनाक मलेरिया से बचाव के लिए इस वैक्सीन ने मरीज को 80 फीसदी तक सुरक्षा दी है. बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन अगले साल तक बाजार में आ जाएगी. हर साल इसकी 10 करोड़ डोज तैयार करने की डील पहले ही की जा चुका है. बताया गया है कि इस वैक्सीन को तैयार करने का अहम मकसद बच्चों की मलेरिया से होने वाली मौतों से बचाना है. हालांकि, एक प्रभावी मलेरिया दवा विकसित करने में एक सदी से अधिक समय लग गया है.


जीएसके द्वारा पहली मलेरिया वैक्सीन
बीते वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जीएसके द्वारा बनाई गई पहली वैक्सीन को ऐतिहासिक हरी झंडी दी थी. इस वैक्सीन का इस्तेमाल अफ्रीका में किया जा रहा है, लेकिन ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों का दावा है कि उनकी वैक्सीन ज्यादा असरदार है और बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन किया जा सकता है. इसका ट्रायल बुर्किना फासो के नैनोरो में 409 बच्चों पर किया गया था. इसकी रिजल्ट द लैंसेट इंफेक्शस डिजीज में पोस्ट किए गए हैं. यह देखा जा सकता है कि पहली तीन खुराक और एक बूस्टर के बाद बच्चों को मलेरिया से 80 प्रतिशत तक सुरक्षा मिली है.


R21 मलेरिया की दूसरी वैक्सीन
प्रोफेसर हिल ने कहा कि वैक्सीन R21 को कम पैसे में तैयार किया जा सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वैक्सीन को लोगों की जान बचाने और सभी को उपलब्ध कराने के लिए बनाई जाएगी. मलेरिया को दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी कहा जाता है. इस बीमारी के कारण अधिकांश नवजात शिशुओं और बच्चों की मौत हो जाती है. इस बीमारी के कारण दुनिया भर में हर साल लगभग 400,000 लोगों की मौत होती है.


भारत में कब होगी उपलब्ध
वैक्सीन R21 का परीक्षण का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले साल की शुरुआत में इस वैक्सीन का उत्पादन और वितरण शुरू हो सकता है. भारतीय बाजारों में भी ये वैक्सीन उसके बाद दिखेगी. इस वैक्सीन को बनाने का लाइसेंस सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पास है, जिससे उम्मीद लगाई जा रही है कि भारत में वैक्सीन R21 के ट्रायल के बाद और सरकार से सहमति मिलने के तुरंत बाद लोगों को यह मिलने लगेगी.


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