पूरी दुनिया में खसरे का आतंक अचानक से बढ़ गया है. इस बीमारी से होने वाली मौतों में तेजी से उछाल आया है. 2021 से 2022 के दौरान, पूरी दुनिया में खसरे से होने वाली मौत के मामलों में 43 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में एक लाख 36 हजार लोगों की खसरे से मौत हुई है, जिनमें से ज्यादातर बच्चे शामिल हैं.


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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) की एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में खसरे के मामलों में 18% की वृद्धि हुई है, जिससे 90 लाख से अधिक लोगों की पहचान हुई है. इसके साथ ही, 2021 से 2022 के बीच खसरे से होने वाली मौतों में 43% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे 1.36 लाख लोगों की मौत हुई है.


खसरे के मामलों में वृद्धि का मुख्य कारण टीकाकरण दर में कमी है. 2022 में, 1.7 मिलियन बच्चे खसरे के टीके से वंचित रह गए, जो 2021 की तुलना में 20% अधिक है. टीकाकरण दर में कमी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें कोरोना महामारी, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती और टीकाकरण के बारे में गलत सूचना शामिल हैं.


क्या है खसरा?
खसरा एक संक्रामक बीमारी है जो वायरस के कारण होती है. यह बीमारी आमतौर पर बुखार, खांसी, छींक और त्वचा पर लाल चकत्ते के साथ होती है. खसरे से गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, जिनमें निमोनिया, दिमाग में समस्याएं और यहां तक कि मृत्यु भी शामिल है. खसरे से बचाव का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण है. खसरे के टीके दो खुराक में दिए जाते हैं, पहली खुराक आमतौर पर 12-15 महीने की उम्र में दी जाती है और दूसरी खुराक 4-6 साल की उम्र में दी जाती है. खसरे के मामलों में वृद्धि चिंताजनक है. टीकाकरण दर में सुधार करके और खसरे के बारे में जागरूकता बढ़ाकर इस बीमारी को रोका जा सकता है.