मॉर्निंग सिकनेस निकला कैंसर, 5 महीने प्रेग्नेंट महिला के गले में मिला `गोल्फ बॉल` जितना ट्यूमर
24 साल की एक प्रेग्नेंट महिला को उस वक्त गहरा सदमा लगा जब उसे पता चला कि उनकी मॉर्निंग सिकनेस दरअसल कैंसर का शुरुआती लक्षण थी.
24 साल की एक प्रेग्नेंट महिला को उस वक्त गहरा सदमा लगा जब उसे पता चला कि उनकी मॉर्निंग सिकनेस दरअसल कैंसर का शुरुआती लक्षण थी. पांच महीने की प्रेग्नेंट कैटलिन मैकअलिंडेन को शुरुआत में तो यही लगता रहा कि यह सिर्फ प्रेग्नेंसी का एक सामान्य लक्षण है. लेकिन, उनकी गर्दन पर एक गोल्फ की बॉल के आकार की गांठ बनने और मॉर्निंग सिकनेस लगातार बने रहने के बाद उन्होंने डॉक्टर से जांच कराने का फैसला किया.
इग्लैंड की रहने वाली कैटलिन को प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों में उन्हें बहुत ज्यादा थकान और दिन में कम से कम एक बार उल्टी जैसी परेशानियां हुईं. ये लक्षण आमतौर पर प्रेग्नेंसी में होते ही हैं, इसलिए उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. क्रिसमस के दिन उन्हें अपने गले में एक मटर के दाने के आकार की गांठ महसूस हुई और उन्होंने यह भी पाया कि उनका वजन थोड़ा कम हो गया है. फिर भी उन्होंने तुरंत डॉक्टर के पास जाने की बजाय इसे गर्भावस्था का ही एक और 'अजीब' असर माना.
फस्ट स्टेज का कैंसर
2024 की शुरुआत में जब उनकी थकान और बढ़ गई और गांठ का आकार बढ़कर गोल्फ की गेंद के बराबर हो गया, तब जाकर उन्होंने अपने डॉक्टर को दिखाया. जांच के बाद पता चला कि उन्हें हॉजकिन लिंफोमा का पहला चरण है. कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार वजन कम होना और गले में सूजन इस बीमारी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. हालांकि मार्च में कैंसर का पता चलने के बाद इलाज मई में बच्चे के जन्म के बाद तक के लिए टाल दिया गया है.
कैटलिन का सपना टूटा
उन्होंने बताया कि यह वह प्रेग्नेंसी नहीं थी जिसकी मैं उम्मीद कर रही थी. उन्होंने आगे कहा कि मैं इस पूरे समय अच्छा महसूस नहीं कर पाई. बच्चे के जन्म के बाद जो कुछ भी करना चाहती थी, उसे कीमोथेरेपी के कारण रोकना पड़ेगा. उम्मीद है कि वह पूरी तरह से ठीक हो जाएंगी, हालांकि उन्हें हर सुबह स्टेरॉयड का इंजेक्शन और खून को पतला करने वाली गोली लेनी पड़ती है.
क्यों प्रेग्नेंसी में नहीं होती कीमोथेरेपी?
कैंसर रिसर्च यूके का कहना है कि कीमोथेरेपी आमतौर पर 14 हफ्ते से अधिक प्रेग्नेंसी महिलाओं को दी जा सकती है, लेकिन इससे पहले नहीं क्योंकि इससे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है या गर्भपात हो सकता है. उनका सुझाव है कि कभी-कभी आप कीमोथेरेपी को तब तक के लिए टाल सकते हैं जब तक आपका बच्चा पैदा न हो जाए, हालांकि यह हमेशा संभव नहीं होता है.