3 महीने में मौनी रॉय का बढ़ा 30 Kg वजन, इन बीमारियों से टूटकर रो पड़ी नागिन की एक्ट्रेस...!
mouni roy Disease: टीवी एक्ट्रेस 38 साल की मौनी रॉय ने अपनी हेल्थ को लेकर हाल ही में कुछ खुलासे किए हैं. इससे उनके फैंस को भी काफी धक्का पहुंचा है.
Mouni Roy Health Recovery Story : एक्ट्रेस मौनी रॉय की गिनती टेलीविजन के सबसे सफल स्टार में की जाती है. लेकिन टेलीविजन के सीरियल 'नागिन' से पड़े पर्दे पर अक्षय कुमार की हीरोइन बनने तक का सफर मौनी रॉय के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था. इस बीच उन्हें कई हेल्थ प्रॉब्लम हो गयी थी, जिसके वजह से वह अपनी जिंदगी को लेकर नाउम्मीद हो गयी थी.
बॉलीवुड बबल को दिए अपने एक इंटरव्यू में मौनी रॉय नहीं इस बात का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि वह 7-8 साल पहले जब वह बहुत लाइम लाइट में नहीं रहती थी, तब उनका वजन सिर्फ 3 महीने में 30 किलो बढ़ गया था. मुझे लगा कि मेरी जिंदगी खत्म हो गयी. मैं इतना वजन कैसे कम करूंगी. मैं इतनी परेशान हो गयी थी कि मैंने 4-6 दिन सिर्फ जूस पीकर बिताए. मेरा मूड हमेशा खराब रहता था, फिर मुझे लगा कि खाना खाना जरूरी है.
मैं तीन महीने तक बिस्तर पर पड़ी रही
मौनी रॉय ने इंटरव्यू में बताया कि उन्हें L4-L5 स्लिप डिस्क, और कैल्शियम स्टोन हो गया था. इसके कारण उन्हें तीन महीने बैड पर रहना पड़ा. वह बहुत सारी दवा और पेन किलर्स खा रही थी, जिसने और उनके वजन को बिगाड़ दिया. बता दें कि एक्ट्रेस अब पूरी तरह स्वस्थ और फिट हैं. यहां आप L4-L5 स्लिप डिस्क, और कैल्शियम स्टोन के बारे में जरूरी बातें जान सकते हैं-
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क्या होता है L4-L5 स्लिप डिस्क?
एल4-एल5 स्लिप डिस्क डिजनरेशन, यह तब हो सकता है जब एल4-एल5 रीढ़ की हड्डी की डिस्क उभरी या हर्नियेट्स, रीढ़ की हड्डी के तंतुओं और थिकल थैली को दबाती है. इससे पैरालिसिस, नर्वस डिजनरेशन, नर्वस विकनेस और तेज दर्द हो सकता है. L4-L5 रीढ़ की हड्डी का खंड पीठ के निचले हिस्से में दूसरा सबसे कम डिस्क स्पेस है और कमर के 95% झुकने के लिए जिम्मेदार होते है. जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, उनकी डिस्क लोच खो देती है और उनके उभरे या हर्नियेट होने की संभावना बढ़ जाती है.
कैल्शियम स्टोन क्या होता है?
कैल्शियम स्टोन एक तरह का किडनी स्टोन होता है. इसमें कैल्शियम ऑक्सालेट और कैल्शियम फॉस्फेट पथरी शामिल हैं. कैल्शियम स्टोन तब बनता है जब हड्डियों और मांसपेशियों द्वारा उपयोग नहीं किया गया कैल्शियम गुर्दों में रह जाता है और अन्य अपशिष्ट उत्पादों, जैसे ऑक्सालेट, जो कुछ खाद्य पदार्थों का बायप्रोडक्ट है, के साथ मिल जाता है. ऐसा तब हो सकता है जब शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थ न हो या नमक बहुत अधिक हो. कैल्शियम पथरी बनने वाले कई लोगों के मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिसे हाइपरकैल्सीयूरिया कहा जाता है.
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