World Multiple Sclerosis: सबसे खतरनाक ऑटोइम्यून डिजीज मल्टीपल स्क्लेरोसिस, न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया दिमाग-रीढ़ होने लगता है कमजोर; जानें लक्षण बचाव के उपाय
What Is Multiple Sclerosis: मल्टीपल स्क्लेरोसिस सबसे खतरनाक ऑटोइम्यून डिजीज माना जाता है. यह बीमारी ब्रेन और स्पाइन की हड्डियों बुरी तरह कमजोर कर देती है. इसके लक्षण, उपचार और बचाव को सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट की मदद से आप इस लेख में आसान भाषा में समझ सकते हैं.
World Multiple Sclerosis In Hindi: बॉडी के पास खुद को बीमारियों से बचाने के लिए एक पूरा सेटअप होता है, जिसे इम्यूनिटी सिस्टम कहते हैं. किसी व्यक्ति के कम या ज्यादा बीमार होने से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसका इम्यूनिटी सिस्टम कितना दुरुस्त है. लेकिन इम्यूनिटी सिस्टम बीमारियों से बचाने के साथ कई बार बॉडी पर खुद ही हमला करके इसे बीमारियों के मुंह में धकेल देता है. ऐसी बीमारियों को ऑटोइम्यून डिजीज कहा जाता है. मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक ऐसा ही रोग है, पर अस्थमा, टाइप 1-डायबिटीज, रूमेटोइड आर्थराइटिस जैसे ऑटोइम्यून डिजीज से कई गुना ज्यादा खतरनाक है. इसलिए लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए 30 मई को वर्ल्ड मल्टीपल स्क्लेरोसिस के रूप में मनाया जाता है.
सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट और मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डायरेक्टर डॉ. सोनिया लाल गुप्ता बताती हैं कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक क्रोनिक ऑटोइम्यून और न्यूरोलॉजिकल डिजीज है जो ब्रेन और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है. इस बीमारी में बॉडी अपने ही नर्वस को प्रोटेक्ट करने वाले मायलिन की लेयर पर हमला करती है. चिंता की बात यह है कि यह बीमारी समय के साथ नसों को स्थायी रूप से डैमेज कर देती है. इस बीमारी को बेहतर ढंग से समझने के लिए इस लेख को अंत तक पड़ना आपके लिए
किस उम्र में नजर आते हैं मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षण
एक्सपर्ट बताती हैं कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षण आमतौर पर 20 से 40 वर्ष की आयु में नजर आने लगते हैं. ऐसे में यदि आप इस उम्र सीमा में हैं और थकान, चलने में परेशानी, अंगों में सुन्नता या झुनझुनी, मांसपेशियों की कमजोरी, दोहरी या धुंधली दृष्टि, चक्कर आना, और संतुलन और समन्वय की समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो इसे नजरअंदाज ना करें. क्योंकि यह सभी मल्टीपल स्क्लेरोसिस के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. ध्यान रखें मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानी जैसे-मेमोरी लॉस, कॉन्सन्ट्रेट करने में दिक्कत एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत अलग हो सकते हैं.
मल्टीपल स्क्लेरोसिस का इलाज
मल्टीपल स्क्लेरोसिस सिर्फ इसलिए गंभीर नहीं है क्योंकि यह शरीर के सबसे अहम हिस्सों को प्रभावित करती है, जो हमारे पूरे जीवन की छोटी से बड़ी समस्याओं को कंट्रोल करता है. बल्कि इस डिजीज के खतरनाक होने की वजह इसका लाइलाज होना है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 1970 से इस बीमारी के इलाज को लेकर लगातार खोज किए जा रहे हैं लेकिन शोधकर्ताओं को अभी तक कोई ठोस दवा या वैक्सीन बनाने में कामयाबी नहीं हासिल हुई है.
मल्टीपल स्क्लेरोसिस को कैसे रोका जाए?
चूंकि मल्टीपल स्केलेरोसिस (एम. एस.) होने का कारण अभी पता नहीं चल सका है. इसलिए एम. एस. को रोकने का कोई ठोस तरीका अभी नहीं मिल पाया है. हालांकि, कुछ सावधानी के साथ इसके जोखिम को कम किया जा सकता है. इसमें नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और धूम्रपान छोड़ने के साथ एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना शामिल है. इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेना बहुत फायदेमंद साबित होता है.
ये भी पढ़ें- दो कोस दूर रहेगा हार्ट अटैक- स्ट्रोक का खतरा, खाने में रोज शामिल करें खून की नली को साफ रखने वाले ये 5 विटामिन