नई दिल्लीः विज्ञान के क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड नोबेल प्राइज का ऐलान हो चुका है. जिसके मुताबिक साल 2021 का शरीर क्रिया विज्ञान और मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार डेविड जूलियस (David Julius) और अर्देम पेतापौटियन (Ardem Patapoutian) को दिया गया है. इन दोनों वैज्ञानिकों को तापमान और स्पर्श के रिसेप्टर्स की खोज के लिए इस सम्मान से नवाजा गया है. इन दोनों वैज्ञानिकों ने इस बात को विस्तार से समझाया कि हमारा शरीर पर गर्मी, ठंडक, स्पर्श और दबाव के संकेत हमारे नर्वस सिस्टम तक कैसे पहुंचाते हैं.


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डॉ. डेविड जूलियस और अर्देम पेतापौटियन, दोनों ही अमेरिकी हैं. डॉ. जूलियस जहां सैन फ्रांसिस्को की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में प्रोफेसर हैं, वहीं डॉ. अर्देम कैलिफोर्निया के हावर्ड ह्यूजेज मेडिकल इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर हैं. नोबेल प्राइज का ऐलान करते वक्त नोबेल एसेंबली ने अपने बयान में कहा कि गर्मी, ठंडक और स्पर्श को महसूस करने की हमारी क्षमता हमारे जीवित रहने और दुनिया के साथ संवाद में बेहद अहम है. 
   
डॉ. जूलियस ने मिर्च से मिलने वाले एक केमिकल कंपाउंड कैपसेसिन का इस्तेमाल करते हुए इस बात का पता लगाया कि हमारा शरीर में गर्मी के खिलाफ कैसे काम करता है. इस दौरान डॉ. जूलियस ने तंत्रिकाओं में एक सेंसर का पता लगाया. डॉ. जूलियस और उनकी टीम ने रिसर्च के लिए ऐसे जीन्स को, जो दर्द होने पर रिएक्ट करते हैं, उन्हें इंसानी शरीर की सेल्स में मिलाया और यह पहचान की कि कौन सा जीन कैपसेसिन के खिलाफ असर करता है. 


इसी तरह डॉ. अर्देम और उनकी टीम ने ऐसे सेंसर का पता लगाया जो छूने और दबाने पर रिएक्ट करता है.