अहमदाबाद: कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में कई बार खांसी, बुखार, जुकाम जैसे पोस्ट कोविड सिंपटम्स दिखते हैं. इससे कुछ समय में लोग ठीक भी हो जाते हैं. लेकिन अब भारत में कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिससे कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों में एक नई जानलेवा बीमारी पैदा हो रही है. ये ऐसी बीमारी है जिसमें 50% तक मौत की संभावना होती है. इस बीमारी का नाम है म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis).


क्या है  म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis)?


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म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) एक फंगल इंफेक्शन है, जिसमें मरीज के बचने के सिर्फ 50 % चांस होते हैं. ये बीमारी उन लोगों को हो रही है जो कोरोना (Covid-19) से ठीक हो चुके हैं. इसमे लोगों के आंखों की पुतलियां बाहर आ जाती हैं. इस बीमारी से ठीक होने वाले ज्यादातर मरीजों की आंख की रोशनी भी चली जाती है.


5 में से 2 मरीजों की मौत


अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अहमदाबाद (Ahmedabad) के रेटीना एंड ऑक्यूलर ट्रॉमा सर्जन (Retina and ocular trauma surgeon) डॉ पार्थ राना ने इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों की जानकारी दी. डॉ पार्थ के मुताबिक अब तक 5 मरीज इस बीमारी क चलते उनके पास आए हैं, जिनमें से 2 की मौत हो गई है. इसके अलावा ठीक हुए 2 लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है . ये सभी मरीज कोरोना (Covid-19) से ठीक होकर आए थे.


डायबिटिक मरीजों को खतरा ज्यादा


इस बीमारी का शिकार हुए सभी मरीज या तो डायबिटिक थे, या फिर कोई न कोई नशा करते थे. इनकी इम्यूनिटी बेहद कमजोर थी. डॉ राना का कहना है कि कोरोनाकल से पहले म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के इंफेक्शन को फैलने में 15 से 30 दिन लगते थे. इन सभी मरीजों में ये इंफेक्शन 2 से 3 दिन में फैल गया था.


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3 महीने में आए 19 मामले



म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) पर राष्ट्रव्यापी अध्ययन कर रहे डॉ अतुल पटेल का कहना है कि कोरोना के मरीजों में ये बीमारी तेजी से फैल रही है. डॉ पटेल के मुताबित पिछले 3 महीनों में  म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के 19 मामले सामने आए हैं. कोरोना (Covid-19) के मरीजों की इम्यूनिटी कम हो जाती है. डायबिटिक और नशा करने वाले लोगों में इस बीमारी के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.


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