दुनिया की आधी आबादी को डेंगू का खतरा है. यानि लगभग 4 अरब लोग उन जगहों पर रहते हैं, जहां डेंगू बुखार आसानी से फैल सकता है. हर साल करीब 40 करोड़ लोग इससे संक्रमित होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले सप्ताह इस संबंध में चेतावनी जारी की है.


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डब्लूएचओ के अनुसार, दुनियाभर में डेंगू से करीब 129 देश प्रभावित होंगे. डब्ल्यूएचओ के वैश्विक कार्यक्रम के प्रमुख डॉ. रमन वेलायुधन कहा कि डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वर्ष 2000 में दुनियाभर में 5 लाख मामले सामने आए थे, जबकि वर्ष 2022 में यह बढ़कर 42 लाख से अधिक हो गया. यानी 22 सालों में डेंगू मरीजों के आंकड़ों में आठ गुना से अधिक वृद्धि हुई है.


सबसे आम संक्रमण
डेंगू सबसे आम वायरल संक्रमण है जो मच्छरों से लोगों में फैलता है. डेंगू से पीड़ित लोग एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाते हैं. लेकिन कुछ लोगों को गंभीर डेंगू होता है और अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है. डॉ. वेलायुधन के अनुसार, जब दूसरी बार संक्रमण होता है तो घातक हो सकता है प्रजाति के मच्छर से फैलता है. यह ट्रॉपिकल और ट्रॉपिकल जलवायु में अधिक आम है.


जलवायु परिवर्तन बड़ी वजह
यूरोपीय संघ के अधिकारियों के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण यूरोप में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित वायरल बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. बाढ़, बारिश और भीषण गर्मी से डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं. डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ के अनुसार पानी की कमी होने पर भी मच्छर जीवित रहने में कामयाब रहता है.


भारत में हर दिन डेंगू के 600 से अधिक मामले
भारत में एक साल में हर दिन औसतन 600 से अधिक डेंगू के मामले सामने आए हैं. पिछले साल 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2,33,251 डेंगू के मामले सामने आए थे. 1996 में पहले बड़े प्रकोप के बाद से भारत में डेंगू का प्रसार 1312% से अधिक बढ़ा है.


दुनियाभर में बुरे हालात
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एशिया में दुनियाभर की 70 फीसदी बीमारी का बोझ है. यूरोप में एडीज मच्छर अच्छी तरह से स्थापित है. पेरू ने आपातकाल की घोषणा की है. यह मच्छर 22 यूरोपीय देशों में मौजूद है. वाशिंगटन में तीन की मौत हाल में हुई.