भारत में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है. एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग डेढ़ लाख महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं. इसी बीच एक नए रिसर्च में दावा किया गया है कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को रिस्क-रिड्यूसिंग मास्टेक्टॉमी (RRM)सर्जरी की मदद से कम किया जा सकता है. 


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क्या है RRM सर्जरी ?


यह एक तरह की स्पेशल सर्जरी है जिसमें महिलाओं के स्तन को शरीर से अलग कर दिया जाता है. यह सर्जरी उन महिलाओं के लिए होता है, जिनमें ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनने वाले जीन BRCA1 or BRCA2 पाया जाता है. बता दें कि BRCA1 or BRCA2 जीन वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 80 परसेंट रहता है. 


क्या कहती है रिसर्च ?


ब्रिटिश जर्नल ऑफ कैंसर में छपी रिसर्च के अनुसार RRM सर्जरी ब्रेंस्ट कैंसर की जोखिम वाली महिलाओं की डेथ रेट को काफी कम कर सकता है. इसमें इस बात का दावा किया गया है कि RRM से स्तन कैंसर का खतरा 90 प्रतिशत तक कम हो जाता है. 


इस रिसर्च में शामिल अधिकारियों ने नौ अलग-अलग देशों में ऐसी जीन वाली 1600 से अधिक महिलाओं को छह साल तक ट्रैक किया. इनमें से आधी महिलाओं ने RRM करवाई थी. रिसर्च के अंत में पाया गया कि RRM कराने वाले ग्रुप में 20 महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला और उनमें से दो की मृत्यु हुई. वहीं, कंट्रोल ग्रुप में 100 महिलाओं में स्तन कैंसर का पता चला और सात की मृत्यु हुई.


RRM ब्रेस्ट कैंसर बचने का कारगर तरीका है


कनाडा के टोरंटो यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर केली मेटकाफ का कहना है कि रिस्क रिड्यूसिंग मास्टेक्टॉमी कराने का फैसला एक महिला के लिए अक्सर मुश्किल होता है. कनाडा में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम के दायरे में आने वाली 30 प्रतिशत महिलाएं ही इस सर्जरी का विकल्प चुनती हैं. हालांकि RRM महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को रोकने के कारगर तरीकों में शामिल है.

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