रात में अचानक डरते हुए उठना, पसीने से तर होना और दिल की धड़कन तेज होना - ये डरावने सपनों के कुछ आम लक्षण हैं. अक्सर हम इन्हें अनदेखा कर देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये डरावने सपने आपकी सेहत के लिए खतरे का संकेत हो सकते हैं? हाल ही में हुए एक शोध में चौंकाने वाली बात सामने आई है.


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कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और किंग्स कॉलेज लंदन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, बुरे सपने और भ्रम ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे लुपस, गठिया आदि के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. इस अध्ययन में 400 डॉक्टरों का सर्वे किया गया और 800 मरीजों का इंटरव्यू लिया गया. हालांकि, बुरे सपनों के अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे शराब, दवाएं, एंग्जाइटी और नींद की कमी. लेकिन, कभी-कभी आने वाले बुरे सपनों के विपरीत, ऑटोइम्यून बीमारियां लगातार बुरे सपनों का कारण बन सकती हैं. शरीर में सूजन बढ़ने से बुरे सपने आ सकते हैं.


एक्सपर्ट की राय
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. रितेश गुर्जर के अनुसार, अध्ययन में पाया गया कि जब शरीर में सूजन होती है, तो इसे बैलेंस करने की कोशिश करने वाला हार्मोन साइटोकिन, आरईएम नींद को प्रभावित करता है, जिससे दिमाग पर असर पड़ता है. आरईएम नींद वह अवस्था है जिसमें ज्यादातर सपने आते हैं. उन्होंने कहा कि ऑटोइम्यून बीमारियां बुरे सपने पैदा कर सकती हैं, जिससे लोगों को ऐसा महसूस हो सकता है कि उन पर हमला हो रहा है या वे किसी मुसीबत में फंसे हुए हैं और मदद नहीं कर पा रहे हैं. इन सपनों को लुपस, रुमेटॉइड, स्जोग्रेन, गठिया और सिस्टमिक स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं.


उपाय क्या?
ऐसी बीमारियों से बचने के लिए डॉ. रितेश ने सोने से एक घंटे पहले योग करने, हल्का भोजन करने, नियमित व्यायाम करने और मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की मदद लेने का सुझाव दिया.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.