Coronavirus in kids: कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे हो रहे हैं ज्यादा संक्रमित, ऐसे रखें उन्हें सुरक्षित
कोरोना वायरस की दूसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक नजर आ रही है. बड़ी संख्या में रोजाना बच्चे इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में बच्चों में दिखने वाले किन संकेतों और लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, इस बारे में यहां जानें.
नई दिल्ली: पिछले साल जब कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) सामने आयी थी उस वक्त यह कहा जा रहा था कि यह बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है और उस दौरान ज्यादा बच्चे संक्रमित हुए भी नहीं थे. लेकिन कोरोना की इस दूसरी लहर में (Second wave of covid-19) वायरस का नया वेरिएंट B.1.1.7 और B.1.617 बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है (More dangerous for kids) और इस दूसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे भी कोरोना वायरस से संक्रमित होते दिख रहे हैं. ऐसे में पैरंट्स का चिंतित होना लाजिमी है.
बच्चों में दिखें ये लक्षण तो नजरअंदाज न करें
नवी मुंबई के फोर्टिस हॉस्पिटल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुभाष राव कहते हैं, 'कोरोना की दूसरी लहर में बिल्कुल उल्टा ट्रेंड (Reverse trend) देखने को मिल रहा है. पिछली साल जहां ज्यादातर बच्चे एसिम्प्टोमैटिक थे यानी उनमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे. वहीं, इस साल कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों में पहले लक्षण दिख रहे हैं और बच्चों से वयस्कों में इंफेक्शन फैल रहा है.' लिहाजा बच्चों में अगर ये लक्षण दिखें तो इन्हें नजरअंदाज न करें:
-बुखार
-सर्दी-जुकाम
-सूखी खांसी
-लूज मोशन
-उल्टी आना
-भूख न लगना
-सही से खाना न खाना
-थकान महसूस होना
-शरीर पर रैशेज (चकत्ते) दिखना
-सांस लेने में दिक्कत महसूस होना
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बच्चे सुपरस्प्रेडर हो सकते हैं
डॉ राव कहते हैं कि अगर बच्चे में कोविड-19 इंफेक्शन के लक्षण (Symptoms of covid-19) दिखें तो तुरंत दूसरे ही दिन आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाएं. टेस्ट करवाने में देर न करें. जल्दी इलाज शुरू होना जरूरी है. ध्यान रखें कि बच्चे सुपरस्प्रेडर (Superspreader) हो सकते हैं यानी वे दूसरे बच्चों और वयस्कों को तेजी से संक्रमित कर सकते हैं.
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MISC का शिकार हो सकते हैं बच्चे
हार्वर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट की मानें तो कई बच्चों में कोरोना वायरस की वजह से बेहद गंभीर और खतरनाक जटिलता भी देखने को मिल रही है जिसे मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रेन (MISC) कहते हैं. इसमें हृदय, फेफड़े, किडनी, ब्रेन, स्किन, पाचन से जुड़े अंग या आंखों में इन्फ्लेमेशन (Inflammation) की समस्या हो सकती है.
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माता-पिता इन बातों का रखें ध्यान
अगर बच्चे में कोविड संक्रमण की पुष्टि हो जाए और डॉक्टर बच्चे को घर पर ही क्वारंटीन रहने की सलाह दें तो बच्चे को घर पर अन्य लोगों से दूर रखें. अगर संभव हो तो बच्चे के लिए परिवार के बाकी सदस्यों से अलग बेडरूम और बाथरूम की व्यवस्था करें. संक्रमित बच्चे की देखभाल करते वक्त माता-पिता डबल मास्क पहनें और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक इलाज करवाएं.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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