कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा है. यह दावा जर्मनी में हुई एक स्टडी रिपोर्ट में किया गया है.
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बर्लिन: दुनियाभर में चल रही कोरोना (Corona) की दूसरी लहर में बच्चों को संक्रमण का खतरा ज्यादा है. जर्मनी (Germany) में हुई एक स्टडी में वयस्कों की तुलना में स्कूली बच्चे चार गुणा ज्यादा तक संक्रमित पाए गए हैं.
जर्नल मेड में प्रकाशित हुई स्टडी के मुताबिक प्री-स्कूल के बच्चों में अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक 5.6 प्रतिशत एंटीबॉडी फ्रीक्वेंसी दर्ज की गई थी. वहीं नवंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच कोरोना टेस्ट कराने वाले स्कूली बच्चों में यह आंकड़ा 8.4 प्रतिशत देखने को मिला. अध्ययन से पता चला है कि कुल मिलाकर दूसरी लहर में एंटीबॉडी फ्रीक्वेंसी पहली लहर की तुलना में लगभग आठ गुना अधिक रही.
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल हेल्थ के गैब्रिएल जिगलर ने कहा कि बच्चों में वयस्कों की तुलना में संक्रमित होने की संभावना कम ही मानी जाती रही है. लेकिन स्टडी में इस धारणा के उलट नतीजे सामने आए हैं. इसका मतलब यह हुआ कि बच्चों के कोरोना संक्रमित (Coronavirus) होने की आशंका पहले से ज्यादा है. प्री-स्कूल और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे सार्स और कोरोना संक्रमण के लिए ज्यादा संवेदनशील हैं.
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दूसरी लहर में बर्लिन में कुल 446 बच्चे कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus) पाए गए हैं. इनमें से 68 प्रतिशत बच्चे बिना लक्षणों वाले हैं. वहीं प्री-स्कूल के बच्चों में यह आंकड़ा 51.2 प्रतिशत है. स्टडी करने वालों का कहना है कि जर्मनी के बावेरिया प्रांत में कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में छह गुना ज्यादा बच्चे पीसीआर परीक्षणों में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.
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