चीनी `ज़हर` है, लेकिन क्या डायबिटीज के मरीज खा सकते हैं गुड़? यहां मिलेगा जवाब
डायबिटीज के मरीजों को इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरी है कि वो क्या खा रहे हैं, क्योंकि छोटी सी गलती भी शुगर स्पाइक की वजह बन सकती है.
Diabetes and Jaggery: भारत में गुड़ काफी पसंद किया जाता है, जो गन्ने के रस या ताड़ के रस से बना एक नेचुरल स्वीटनर है. रिफाइंड शुगर के उलट, इसमें कुछ जरूरी मिनरल्स जैसे आयरन, पोटेशियम और मैग्नीशियम बरकरार रहते हैं क्योंकि इसमें काफी कम प्रोसेसिंग होता है. हालांकि गुड़ में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा के कारण इसे सफेद चीनी की तुलना में ज्यादा हेल्दी माना जाता है. यही वजह है कि कई डायबिटीज के मरीज गुड़ की जगह चीनी खाने की आदत डाल लेते हैं, लेकिन ये आदत सही नहीं है क्योंकि इससे भी उनकी तबीयत बिगड़ सकती है. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि मधुमेह रोगियों को गुड़ से परहेज क्यों करना चाहिए.
डायबिटीज के मरीज क्यों न खाएं गुड़
1. हाई ग्लाइसिमिक इंडेक्स
गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है, जिसके कारण इसमें और रिफाइंड शुगर में ज्यादा फर्क नहीं होता. इसका मतलब है कि ये तेजी से ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है. मधुमेह रोगियों के लिए ग्लूकोज के स्तर को स्थिर बनाए रखना जरूरी है, और गुड़ जैसे हाई-जीआई फूड आइटम्स का सेवन करने से अचानक स्पाइक्स हो सकते हैं, जिससे डायबिटीज को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है.
2. शुगर कंट्रोल करने में नाकाम
भले ही गुड़ सफेद चीनी की तुलना में कम प्रोसेस्ड होता है, लेकिन ब्लड शुगर पर इसका असर तकरीबन एक जैसा होता है. डाइट में गुड़ को शामिल करने से रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावी ढंग से मैनेज करने की कोशिशों में रुकावट पड़ सकती है, जो डायबिटीज पेशेंट के लिए एक प्राइमरी गोल होता है.
3. छिपी हुई कैलोरी
गुड़ डेंस कैलोरी वाला फूड होता है, जो बार-बार सेवन करने पर वजन बढ़ाने में योगदान दे सकता है. ओवरवेट या मोटापा डायबिटीज को और बढ़ा सकता है, क्योंकि ज्यादा वजन इंसुलिन सेंसिटिविटी में कमी से जुड़ा है.
4. हाई सुक्रोज में
गुड़ में मुख्य रूप से सुक्रोज होता है, जो एक तरह की चीनी है जो ब्लड स्ट्रीम में ग्लूकोज में तेजी से टूट जाती है. ये डायबिटीज पेशेंट के लिए सही नहीं है. ये शुगर लेवल बढ़ाकर आपको बड़ी परेशानी में डाल सकता है.
5. इंसुलिन रेजिस्टेंस में खराबी
गुड़ का नियमित सेवन वक्त के साथ हाई ब्लड शुगर लेवल का कारण बन सकता है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस को खराब कर सकता है - एक ऐसी स्थिति जिसमें सेल्स इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं. ये डायबिटीज पेशेंट के लिए खास तौर से हानिकारक है जो पहले से ही बिगड़ा हुआ इंसुलिन फंक्शन के साथ स्ट्रगल करते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.