Stroke warning signs: वो दिन गए जब दिल के दौरे और स्ट्रोक केवल बुजुर्गों, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान और डायबिटीज के मरीजों तक ही सीमित थे. यह बीमारी अब 25 साल की उम्र के लोगों में अधिक आम हो रही है. गतिहीन लाइफस्टाइल और बदलते समय में वृद्धि के साथ, इससे पीड़ित लोगों की संख्या में काफी बदलाव आया है और हाल के वर्षों में अधिक जवान लोग स्ट्रोक का शिकार हुए हैं.


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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनियाभर में हो रही मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण स्ट्रोक है. हर साल लगभग 13 मिलियन (1.30 करोड़) लोग इस बीमारी से पीड़ित होते हैं और लगभग 5.5 मिलियन (55 लाख) लोग सालाना इससे मर जाते हैं. भारत में, यह स्थिति अधिक खतरनाक दर से फैल रही है, जहां देश में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति को स्ट्रोक पड़ रहा है.


स्ट्रोक क्या है?
स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है. यह तब होती है जब आपके दिमाग तक पर्याप्त मात्रा में खून का फ्लो नहीं होता है. स्ट्रोक आमतौर पर दिमाग में अवरुद्ध धमनी के कारण बाधित हुए खून के फ्लो और ऑक्सीजन के कारण होता है. इसके अलावा, स्ट्रोक दिमाग में ब्लड वेसेल्स फटने की वजह से हुए ब्लीडिंग के कारण भी हो सकता है. खून नहीं पहुंचने के कारण दिमाग में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे दिमाग के सेल्स मरने लगती हैं. इसे ब्रेन डैमेज भी कहा जाता है, जिससे विकलांगता या मौत भी हो सकती है.


स्ट्रोक के चेतावनी संकेत
स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान करने के लिए अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन (ASA) F.A.S.T. करने की सलाह देता है. आकलन, चेहरे (Face) के लटकने, हाथ (Arm) की कमजोरी, बोलने (Speech) में कठिनाई के संकेतों को देखें. यदि आप इन सभी को नोटिस करते हैं यह तो आपातकालीन कॉल करने का समय (Time) है. अधिकांश स्ट्रोक के मामलों की पहचान केवल इस टेस्ट से की जा सकती है.


Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.