प्री-मैच्योर शिशुओं का सर्दियों में रखें खास ख्याल, ये 5 बेबी केयर टिप्स आएंगे आपके बड़े काम
9 महीने के बाद जो बच्चे पैदा होता है, उन्हें स्वस्थ माना जाता है, हालांकि जब कोई बच्चा 9 महीने से पहले जन्म ले लेता है तो उसकी ज्यादा केयर करनी होती है. ऐसे बच्चों को प्री-मैच्योर बच्चा कहा जाता है.
Baby care tips: 9 महीने के बाद जो बच्चे पैदा होता है, उन्हें स्वस्थ माना जाता है, हालांकि जब कोई बच्चा 9 महीने से पहले जन्म ले लेता है तो उसकी ज्यादा केयर करनी होती है. ऐसे बच्चों को प्री-मैच्योर बच्चा कहा जाता है. इन बच्चों के शरीर का विकास पूर्ण नहीं होता है, इसलिए इन्हें अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है.
सर्दियों का मौसम प्रीमैच्योर बच्चों के लिए और भी कठिन हो सकता है. इसलिए, इस मौसम में इन बच्चों की देखभाल के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. जन्म के बाद अस्पताल से घर आने के बाद बच्चे की देखभाल कैसे करनी चाहिए, उसी से जुड़ी कुछ टिप्स और सावधानियों के बारे में आज हम आपको बताएंगे.
प्रीमैच्योर बच्चे की देखभाल
1. गर्म रखना
सर्दियों में प्री-मैच्योर शिशुओं को गर्म रखना बहुत जरूरी है. बच्चे के शरीर का तापमान 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. बच्चे को ऐसे कपड़े पहनाएं, जो उसे गर्म रखें. बच्चे को गर्म रखने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं-
- बच्चे को एक ही समय में कई कपड़े न पहनाएं। बच्चे को केवल एक मोटा कपड़ा पहनाएं.
- बच्चे को मोजे, दस्ताने और टोपी पहनाएं.
- बच्चे को एक गर्म कंबल या स्वेटर से लपेटें.
- बच्चे को एक हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल के पास रखें.
2. नियमित रूप से दूध पिलाना
प्री-मैच्योर शिशुओं को नियमित रूप से दूध पिलाना चाहिए. बच्चे की भूख अधिक हो सकती है, इसलिए उसे बार-बार दूध पिलाएं. दूध पिलाने से बच्चे को आवश्यक पोषण मिलता है और वह स्वस्थ रहता है.
3. धूप में रखना
धूप से बच्चे को विटामिन डी मिलता है, जो उसके विकास के लिए आवश्यक है. इसलिए, बच्चे को धूप में रखें. लेकिन ध्यान रखें कि बच्चे को सीधे धूप में न रखें. बच्चे को धूप में रखने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
- बच्चे को सुबह या शाम को धूप में रखें.
- बच्चे को एक छाता या छतरी के नीचे रखें.
- बच्चे को सूरज से बचाने के लिए क्रीम या लोशन लगाएं.
4. नियमित रूप से डॉक्टर को दिखाना
प्री-मैच्योर शिशुओं को नियमित रूप से डॉक्टर को दिखाना चाहिए. डॉक्टर बच्चे के विकास की निगरानी करेंगे और आवश्यक दवाएं या उपचार देंगे.
5. सावधानियां
प्री-मैच्योर शिशुओं को सर्दी, खांसी, बुखार आदि से बचाना चाहिए. इन बच्चों को धूम्रपान वाले वातावरण में नहीं ले जाना चाहिए. बच्चे को ऐसे कपड़े पहनाएं जो उसे गर्म रखें.