दिनभर हम तमाम ऐसे कामों में उलझे रहते हैं कि शरीर पर ध्यान ही नहीं दे पाते. सुबह जल्दी-जल्दी उठना. फटाफट नहा-धोकर तैयार होते हुए नाश्ता करना और फिर नौकरी या बिजनेस के लिए दौड़ पड़ना. ये तो सुबह-सवेरे की दिनचर्या है. इसमें बच्चे से लेकर आदमी और यहां तक कि घरेलू महिलाएं भी शामिल हैं. महिलाएं बच्चों और घर के पुरुषों को तैयार करने में खुद भी एक मशीनभर बनके रह जाती हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इनसान बन गया है मशीन
सुबह के बाद घर, ऑफिस या दुकान पर काम में उलझे रहते हैं. आजकल वर्किंग कल्चर बदल गया है. दफ्तरों में 8-9 घंटे लगातार काम करना पड़ा है. ऑफिस के टारगेट पूरा करने के लिए मशीनों से उलझे रहते हैं. क्या खाया और किस तरह खाया, शायद ही किसी को याद रहता हो. काम से थके हारे हम घर लौटते हैं. घर लौटकर भी हमें चैन कहां मिल पाता है. टीवी या मोबाइल की स्क्रीन पर आंख गड़ाए हम खाना खाते हैं और फिर बिस्तर पर जाकर पसर जाते हैं.


बारिश के मौसम में रोज खाएं ये चीज, मिलेगा चौंका देने वाला फायदा


बदले वर्किंग कल्चर ने बढ़ाईं बीमारियां
इसी का नतीजा है कि कम उम्र में ही लोग नई-नई बीमारियों से जूझ रहे हैं. इनमें मोटापा एक ऐसी बीमारी है, जो आज के वर्किंग कल्चर की देन है और समाज का हर वर्ग चाहे वह बच्चा हो या किशोर, महिला हो या पुरुष, मोटापे से जूझ रहे हैं. मोटापे एक बीमारी नहीं है, बल्कि इसकी वजह से हमारा शरीर बीमारियों का घर बन जाता है.


शरीर पर नहीं देते ध्यान
कुल मिलाकर पूरे 24 घंटे में हम अपने शरीर के कपड़ों और मैकअप तो ध्यान देते हैं मगर अंदर से हमारा शरीर कैसा है, उसे क्या चाहिए और हम उसे क्या दे रहे हैं, बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाते. इसलिए जरूरी है कि जिस शरीर से आप इतना तनाव लेकर इतनी मेहनत कर रहे हैं थोड़ा बहुत ध्यान उस पर भी देना चाहिए ताकि आप अपने लक्ष्यों को हासिल कर सको और वह भी अच्छी सेहत के साथ. सुबह ऑफिस या काम पर जल्दी जाने की वजह से आप शरीर पर ध्यान नहीं दे पाते तो कोई बात नहीं. घर आने के बाद रात तो अपनी है. इसलिए शाम को ही सही, कुछ समय और ध्यान अपने आप और अपने शरीर के लिए भी निकालें. 


सोने से पहले ना करें ये काम
यहां हम शरीर पर ध्यान देने के लिए कुछ करने की सलाह नहीं दे रहे हैं कहीं आप ये समझें कि खाना खाने के लिए टाइम नहीं है और हम एक और नया काम बता रहे हैं, बल्कि यहां हम आपको कुछ बातें या कुछ काम नहीं करने की सलाह दे रहे हैं. 


- समय पर ही खाना खा लें. खाना सोने से कम से कम दो घंटे पहले खा लें. कोशिश करें कि घर का बना खाना ही खाएं. देर रात डिनर करने की वजह से एकाग्रता बिगड़ती है, कोलेस्ट्रॉल और शुगर भी प्रभावित होता है.


- पेट भरके खाना ना खाएं. अगर आप रोजाना तीन रोटी खाते हैं तो शाम को दो रोटी ही खाएं. खोटी की मात्रा कम करके सब्जी या सलाद ज्यादा लें.


- रात का खाना हल्का और आसानी से पचने वाला होना चाहिए. अधिक फेट और प्रोटीन वाला भोजन पचने में काफी समय लगता है और इससे हमारी नींद पर असर पड़ता है.


- ज्यादा मसालेदार खाना खाना भी रात के समय शरीर में पित्त बढ़ाने का काम करता है. इस तरह का खाना स्वादिष्ट तो बहुत लगता है, लेकिन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है.


- कम मसाले वाला हल्का भोजन करें. हफ्ते में दो दिन को खिचड़ी या दलिया खाएं. इससे पेट मुलायम रहेगा. 


- खाना खाते समय मोबाइल और टीवी से दूर रहें ताकि ध्यान खाने पर रहे. स्वाद लेकर खाना खाने से खाना शरीर को लगता है. 


- शाम को चाय-कॉफी या सिगरेट-शराब से दूर रहें. ये चीजें ज्यादा ऊर्जा पैदा करती हैं और रात में ज्यादा ऊर्जा की जरूरत शरीर को नहीं होती. 


- खाना खाने के बाद कुछ समय टहलने के लिए जरूर निकालें. ज्यादा नहीं तो कम से कम 20 मिनट की चहलकदमी करें. 


- सोने से आधा घंटा पहले गर्म दूध पीएं. बिस्तर पर जाने से पहले हाथ-पैर और मुंह को ताजा पानी से धोएं. इससे नींद अच्छी आती है.


- सोने का समय निश्चित करें और कोशिश करें कि तय समय पर बिस्तर में चले जाएं. जल्दी सोना और जल्दी उठना एक अच्छी सेहत की निशानी होता है.


हेल्थ की अन्य खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें