नई दिल्ली : कान में दर्द किसी को भी हो सकता है। कान में दर्द होने पर आपका दिमाग स्थिर नहीं रहता है और आप बेचैन हो जाते हैं। कई बार ये दर्द इतना बढ़ जाता है कि आपका खाना-पीना, उठना-बैठना यहां कि चैन से सोना तक हराम हो जाता है। वैसे कान का दर्द इन्फेक्शन के कारण होता है, जिसका एन्टीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया सकता है। लेकिन ज्यादातर स्थितियों में ये दर्द ठंड, मैल, कान से निकलने वाले पानी आदि का परिणाम हो सकता है। 


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इस तरह की समस्या अगर ज़्यादा गंभीर न हों, तो आप दवाएं लेने की बजाएं घरेलु उपचार आज़माकर देख सकते हैं। कान में दर्द घरेलु उपचार से काफी हद तक ठीक हो जाता है। 


अन्य दर्द की तरह कान के दर्द को भी बर्फ या गर्मी के सेक से काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए एक सूती कपड़ा गर्म पानी में भिगोकर निचोड़ लें और इसे अपने कान और आसपास के हिस्से पर रखें। दूसरा तरीका ये है कि आप गर्म पानी की जगह ठंडा पानी इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि पानी कान में नहीं जाना चाहिए।


कान के पास के हिस्से की एसेन्शल ऑयल से मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके लिए आप लैवेंडर, नीलगिरी, अजवायन के फूल या कैमोमाइल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। तेल की कुछ बूंदें गर्दन, जबड़े और गाल पर लगाकर नीचे की ओर दबाव बनाकर मालिश करने से लाभ होगा।


कई लोगों को कान की यूस्टेचियन ट्यूब में दर्द होता है। ये ट्यूब नाक से जुड़ी होती है। इसलिए एसेन्शल ऑयल की कुछ बूंदें गर्म पानी में डालकर भाप लेने से कान के दर्द में राहत मिलती है। इसके लिए एक बड़े कटोरे में गर्म पानी लें और उसमें नीलगिरी या लैवेंडर तेल की 3-5 बूँद मिलाकर भाप लें। भाप लेते समय अपने सिर को किसी तौलिये से अच्छी तरह कवर कर लें।


लहसुन के एंटी-इन्फ्लैमटोरी गुणों की वजह से इसका कान के दर्द को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए लहसुन की एक कली को पीस लें और उसे एक रूई में लपेटकर एक गोलाकार बना लें। अब इसे अपने कान के अंदर रख लें। ध्यान रहे कि ये कान के ज्यादा अंदर न जाए।