महिलाओं को तेजी से चपेट में ले रही यूरीन की खतरनाक बीमारी, कैसे करें कंट्रोल?
यूरिन लीकेज एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं में आमतौर पर देखा जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं को हंसते, खांसते, या दौड़ते समय पेशाब का रिसाव होता है.
यूरिन लीकेज एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं में आमतौर पर देखा जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं को हंसते, खांसते, या दौड़ते समय पेशाब का रिसाव होता है. यूरिन लीकेज की समस्या महिलाओं के आत्मविश्वास को कम कर सकती है और उन्हें सामाजिक गतिविधियों से दूर कर सकती है.
यूरीन लीकेज के कई कारण हो सकते हैं. इनमें से कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं. ब्लैडर की कमजोरी, ब्लैडर में सूजन, कमजोर पेल्विक फ्लोर, गर्भावस्था, प्रसव या कुछ दवाएं. आइए इसे विस्तार में समझते हैं.
ब्लैडर की कमजोरी: ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर होने पर, वे यूरिन को ठीक से रोकने में सक्षम नहीं होती हैं, इससे यूरिन लीकेज हो सकता है.
ब्लैडर की सूजन: ब्लैडर में सूजन होने पर, यह अधिक मात्रा में यूरिन को स्टोर करने में सक्षम नहीं होता है. इससे भी यूरिन लीकेज हो सकता है.
पेल्विक फ्लोर की कमजोरी: पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां ब्लैडर, यूटेरस और आंत को सहारा देती हैं. इन मांसपेशियों के कमजोर होने पर, वे इन अंगों को ठीक से सहारा नहीं दे पातीं. इससे यूरिन लीकेज हो सकता है.
प्रेग्नेंसी और प्रसव: गर्भावस्था और प्रसव के दौरान पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है. इससे इन मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है और कमजोरी हो सकती है। इससे भी यूरिन लीकेज हो सकता है.
कुछ दवाएं: दर्द निवारक और एंटीहिस्टामिन जैसी कुछ दवाएं यूरिन लीकेज का कारण बन सकती हैं.
यूरीन लीकेज के लक्षण
यूरीन लीकेज के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं आमतौर पर, यूरिन लीकेज के लक्षणों में शामिल हैं, जैसे
- छींकने, खांसने, हंसने या दौड़ने पर यूरिन लीक होना
- यूरीन करने के बाद भी यूरीन की इच्छा होना
- अनैच्छिक पेशाब
- यूरीन लीकेज का इलाज
यूरीन लीकेज का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है. यदि यूरिन लीकेज का कारण ब्लैडर या पेल्विक फ्लोर की कमजोरी है, तो इसके लिए व्यायाम, दवाएं या सर्जरी का इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि यूरिन लीकेज का कारण कोई अन्य स्वास्थ्य स्थिति है, तो उस स्थिति का इलाज करके यूरिन लीकेज को ठीक किया जा सकता है.
यूरिन लीकेज से बचने के लिए उपाय
नियमित रूप से व्यायाम करें: व्यायाम से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत किया जा सकता है. इससे यूरिन लीकेज के जोखिम को कम किया जा सकता है.
अपनी वजन को नियंत्रित रखें: अधिक वजन होने से पेल्विक फ्लोर पर दबाव पड़ सकता है. इससे यूरिन लीकेज का जोखिम बढ़ सकता है.
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से ब्लैडर को नियमित रूप से खाली करने में मदद मिलती है. इससे यूरिन लीकेज के जोखिम को कम किया जा सकता है.
पेशाब को रोकने से बचें: यूरीन को रोकने से ब्लैडर पर दबाव पड़ सकता है. इससे यूरिन लीकेज का जोखिम बढ़ सकता है.