Weak Immunity signs: कोरोना कहर के बीच ओमिक्रॉन से बचने के लिए एक्सपर्ट लगातार इम्यूनिटी को मजबूत करने की सलाह देते आ रहे हैं. इम्यूनिटी मजबूत करने के लोग एक्सरसाइज कर रहे हैं, इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड खा रहे हैं, ड्रिंक का सेवन कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो इसका पता कैसे लगेगा? 


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शायद इस ओर कभी ध्यान ही नहीं गया होगा, लेकिन आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में कुछ ऐसे संकेतों के बारे में जानकारी दे रहे है, जो कमजोर इम्युनिटी को दर्शाते हैं.  


कमजोर इम्युनिटी के पांच संकेत (Five signs of weak immunity)


1. सर्दी-जुकाम बना रहना


एक्सपर्ट कहते हैं किसर्दी जुकाम अधिक लंबे समय तक बना रहता है या बार-बार होता है तो ये कमजोर इम्युनिटी का संकेत हो सकता है. इसलिए अगर आपको लंबे समय तक सर्दी-जुकाम बना रहता है, तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी के संकेत हैं और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए..


2. पेट संबंधित समस्याएं होना


यदि आप नियमित रूप से पेट की समस्याओं जैसे दस्त, सूजन, कब्ज आदि से पीड़ित हैं, तो यह कमजोर इम्यूनिटी का संकेत हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर किसी का पेट खराब है, तो उसकी सेहत कभी अच्छी नहीं रह सकती. हमारे शरीर में लगभग 70% प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले ऊतक हमारी आंत में होते हैं. 


3. घाव भरने में देरी


रोजमर्रा के काम करते वक्त चोट लगना आम बात है. अगर घाव को सही होने में अधिक समय लगता है, तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत हो सकता है.  इसलिए एक्सपर्ट से तुरंत सलाह लें. 


4. अधिक तनाव में रहना


कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का पहला संकेत अधिक तनाव है. एक्सपर्ट बताते हैं कि इम्यूनिटी पर सबसे अधिक प्रभाव तनाव का पड़ता है. अगर कोई अधिक तनाव लेता है, तो जाहिर सी बात है उसकी इम्यूनिटी काफी कमजोर रहेगी. 


5. लगातार थकान महसूस होना


रात में 7-8 घंटे की नींद लेने के बाद हर कोई सुबह काफी एनर्जेटिक महसूस करता है. लेकिन जिसकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, वह रात में पर्याप्त नींद लेने पर भी अगले दिन काफी सुस्त महसूस करता है. अगर आप भी लगातार थकान महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.


इम्यूनिटी क्या है और इसका मजबूत होना क्यों जरूरी?
मजबूत इम्यूनिटी शरीर को वायरल  बैक्टीरियल, फंगल या प्रोटोजोआ आदि से संक्रमित होने से बचाती है. इम्यूनिटी सफेद रक्त कोशिकाओं, लिम्फ नोड्स और एंटीबॉडी से बनी होती है, जो शरीर को बाहरी संक्रमणों से बचाने में मदद करती है. कभी-कभी, जब कोई वायरस शरीर के अंदर चला जाता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली उन हानिकारक वायरस को पहचान लेती है और उसे बेअसर कर देती है, जिससे वह शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते. 


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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.​


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