Disadvantages of Wrapping Food in Aluminium Foil: बच्चों या खुद के लिए टिफिन पैक करना हो तो हम में से ज्यादातर लोग एल्यूमीनियम फॉयल का इस्तेमाल करते हैं. होटल से लेकर रोड साइड ढ़ाबों में इसका यूज कॉमन हो चुका है. ये काफी सुविधाजनक है और खाने को ताजा रखने में मदद करता है. भारत के मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट निखिल वत्स (Nikhil Vats) के मुताबिक एल्यूमीनियम फॉयल में खाना पैक करने के कुछ नुकसान भी हैं जिनके बारे में हमें जागरूक होना चाहिए.


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1. सेहत के लिए नुकसानदेह                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                      एल्यूमीनियम फॉयल का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि ये सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. एल्यूमीनियम एक धातु है और अगर यह भोजन के संपर्क में आता है, तो ये खाने में घुल सकता है. खास तौर से एसिडिक और स्पाइसी  के साथ, एल्यूमीनियम की मात्रा बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है.


2. मेंटल हेल्थ पर असर


कुछ रिसर्च से ये पता चला है कि एल्यूमीनियम का हद से ज्यादा सेवन दिमागी सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है. अल्जाइमर जैसी बीमारियों के लिए एल्यूमीनियम की हाई क्वांटिटी को जिम्मेदार ठहराया गया है. हालांकि ये पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है, लेकिन एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि एल्यूमीनियम फॉयल का सीमित उपयोग ही करना चाहिए.


3. किडनी और हड्डियों पर असर


एल्यूमीनियम का अत्यधिक सेवन किडनी और हड्डियों के लिए भी हानिकारक हो सकता है. हमारे गुर्दे एल्यूमीनियम को शरीर से निकालने में सक्षम नहीं होते हैं, जिससे ये शरीर में जमा हो सकता है. इसके अलावा, यह हड्डियों को कमजोर कर सकता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है.


4. पर्यावरण के लिए बुरा


एल्यूमीनियम फॉयल का प्रोडक्शन और इसका वेस्टेज पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हो सकता है. इसे बनाने के लिए बड़े पैमाने पर ऊर्जा की जरूरत होती है और ये प्रक्रिया ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती है. इसके अलावा एल्यूमीनियम फॉयल को डंप करना भी एक बड़ी समस्या है, क्योंकि ये बायोडिग्रेडेबल नहीं है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.