HIV Symptoms: इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि एचआईवी एड्स एक बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसका इलाज आज तक वैज्ञानिक तलाश नहीं कर पाएं. ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस एक अवसरवादी क्रोनिक वायरल संक्रमण है जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित और खत्म करता है और अन्य संक्रमणों को बढ़ावा देता है. अगर फाइनल स्टेज तक एचआईवी सक्रमण को रोका नहीं गया, तो ये एड्स का कारण बन जाता है, जिसमें गंभीर दर्द, बीमारी और आखिर में मौत हो जाती है.


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कैसे लगेगा एचआईवी संक्रमण का पता?
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम की कंसल्टेंट (इंफेक्शियस डिजीज), डॉक्टर नेहा रस्तोगी पांडा (Dr. Neha Rastogi Panda) ने बताया, "ये विभिन्न प्रकार के लक्षणों का कारण बनता है जो संक्रमण के स्टेज के आधार पर सूक्ष्म से गंभीर हो सकते हैं. हालांकि, एचआईवी के संकेत या लक्षण हमेशा क्लीयर नहीं होते हैं. असल में, जिन लोगों को हाल ही में एचआईवी हुआ है, उनमें से अधिकांश में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं . एचआईवी के लक्षण इस बात पर भी निर्भर हो सकते हैं कि कोई व्यक्ति संक्रमण के नए (तीव्र) या लगातार (पुराने) चरण में है या नहीं. अधिकांश लोगों को फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव होता है. एचआईवी से संक्रमित होने के दो से चार हफ्ते में लक्षण नजर आ जाते हैं. ये लक्षण ज्यादातर वायरस के प्रति प्रतिरक्षात्मक प्रतिक्रिया होते हैं."


इन लक्षणों पर करें गौर
एचआईवी एड्स के लक्षणों में मुख्य रूप से बुखार, ठंड लगना, फ्लू जैसी बीमारी, दाने, रात को पसीना, मायलगिया, गले में खराश, थकान, मुंह के छाले, लिम्फ नोड सूजन शामिल हैं. इन हालात में वायरस सुपरएक्टिव होता है. एचआईवी इंफेक्शन का आखिरी स्टेज एड्स है जो जानलेवा है. एचआईवी संक्रमण के परिणामस्वरूप निमोनिया या तपेदिक, या खास तरह का कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.


एड्स के लक्षण
एड्स से पीड़ित लोगों में धीरे-धीरे वजन कम होना, कमजोरी, लंबे समय तक दस्त, भूख में कमी, गले, फेफड़े और त्वचा में बार-बार संक्रमण, याददाश्त में कमी, रात में अत्यधिक पसीना आना और अलग-अलग अवधि का बुखार होता है. इसके अलावा मरीज के मुंह, एनस और जेनाइटल्स में घाव आने लगते हैं. इसलिए हमें एचआईवी संक्रमण और लक्षणों की सही जानकारी होनी जरूरी है.


 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.