हाल के दिनों में काली खांसी या पर्टुसिस नामक एक संक्रामक बीमारी ने फिर से दुनियाभर में दस्तक दी है. विशेषकर बच्चों में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. 


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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में अब तक पूरे ऑस्ट्रेलिया में काली खांसी (पर्टुसिस) के 17,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. यह 2023 के दौरान सामने आए मामलों की तुलना में छह गुना अधिक हैं. भारत में भी हर साल इसके हजारों मामले सामने आते हैं. ऐसे में काली खांसी के लक्षण और इससे बचाव के बारे में जानना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है. 


क्या है काली खांसी?

काली खांसी एक बैक्टीरिया के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है. इसे कुत्ता खांसी भी कहते हैं, क्योंकि इसमें खांसते समय 'हुफ' की आवाज आती है. इस बीमारी में लगातार खांसी आना, सांस लेने में तकलीफ और कभी-कभी उल्टी भी हो सकती है. खांसी इतनी तेज होती है कि बच्चे सांस लेने में असमर्थ हो जाते हैं और उनका चेहरा लाल हो जाता है.


क्यों है खतरनाक?

काली खांसी खासकर शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है. छोटे बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली अभी पूरी तरह विकसित नहीं होती है, जिसके कारण वे इस बीमारी से गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं. कुछ मामलों में, काली खांसी निमोनिया, दौरे या मौत का भी कारण बनती है.


काली खांसी कैसे होती है?

काली खांसी एक संक्रामक बीमारी है जो खांसी या छींकने के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है. संक्रमित व्यक्ति के आसपास की हवा में मौजूद बैक्टीरिया को सांस लेने पर स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है.

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काली खांसी का इलाज

काली खांसी का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है. हालांकि, एंटीबायोटिक दवाओं से बीमारी के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह बीमारी पूरी तरह से ठीक होने में कई सप्ताह लग सकते हैं.


काली खांसी से बचाव के उपाय

काली खांसी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है वैक्सीनेशन. डीटीएपी (डिप्थीरिया, टिटनेस, और पर्टुसिस) वैक्सीन बच्चों को काली खांसी से बचाने में बहुत प्रभावी है. इस वैक्सीन को बच्चों को कई बार दिया जाता है, ताकि वे जीवन भर इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें।


अन्य बचाव के तरीके

नियमित रूप से हाथ धोएं, खासकर खाना खाने से पहले और शौचालय जाने के बाद. अगर कोई व्यक्ति काली खांसी से पीड़ित है, तो उससे दूरी बनाकर रखें. अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो मास्क का उपयोग करें.

 


 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.