हर साल 21 सितंबर को 'वर्ल्ड अल्जाइमर डे' के रूप में मनाया जाता है, ताकि इस घातक बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके. अल्जाइमर एक प्रोग्रेसिव न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है, जो दिमाग के सेल्स को प्रभावित करती है और धीरे-धीरे मेमोरी, सोचने की क्षमता और व्यवहार पर बुरा असर डालती है. हालांकि यह उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा आम हो जाती है, लेकिन हमारी कुछ रोजमर्रा की आदतें भी अल्जाइमर के खतरे को बढ़ा सकती हैं.


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आज हम कुछ आम आदतों पर चर्चा करेंगे, जो दिमाग को नुकसान पहुंचाती हैं और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती हैं.


1. पर्याप्त नींद न लेना
नींद का अभाव दिमाग के लिए बेहद नुकसानदायक होता है. नींद के दौरान दिमाग की सफाई प्रक्रिया होती है, जो टॉक्सिन्स को हटाती है. नियमित रूप से कम सोना दिमाग के टॉक्सिन्स को जमा कर सकता है, जो अल्जाइमर का खतरा बढ़ा सकता है.


2. ज्यादा शुगर और प्रोसेस्ड फूड का सेवन
शुगर और प्रोसेस्ड फूड दिमागी डैमेज का कारण बन सकते हैं. इन फूड्स का ज्यादा सेवन दिमाग के सेल्स के बीच संबंध को कमजोर कर सकता है, जिससे मेमोरी और दिमाग के काम में गिरावट हो सकती है.


3. मानसिक व्यायाम की कमी
दिमाग को एक्टिव न रखना, पढ़ाई या दिमागी चुनौतियों से दूर रहना भी अल्जाइमर का खतरा बढ़ा सकता है. दिमाग को लगातार नई चुनौतियों और एक्टिविटी में व्यस्त रखना मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है.


4. शारीरिक गतिविधि की कमी
शारीरिक व्यायाम न केवल शरीर के लिए बल्कि दिमाग के लिए भी महत्वपूर्ण है. व्यायाम से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे न्यूरोनल एक्टिविटी में सुधार होता है और अल्जाइमर का खतरा कम होता है.


5. सोशल आइसोलेशन
लंबे समय तक सामाजिक संपर्क से दूर रहना भी अल्जाइमर का कारण बन सकता है. अकेलेपन से दिमाग की एक्टिविटी में गिरावट होती है और मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है.


इन आदतों से बचकर और अपने दिमाग को एक्टिव और हेल्दी रखने के लिए सही कदम उठाकर हम अल्जाइमर जैसी बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.