World Breastfeeding Week 2021: बच्चों को मां का दूध कबतक देना होता है ज्यादा फायदेमंद, इस दौरान नहीं देना चाहिए पानी भी
बच्चों को मां का दूध कब तक पिलाना चाहिए, इस सवाल का जवाब जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल...
शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए स्तनपान बहुत जरूरी है. बच्चों के स्वास्थ्य के लिए मां के दूध को अमृत समान माना जाता है. नवजात शिशु के लिए मां के दूध के महत्व के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक (World Breastfeeding Week 2021 Importance) मनाया जाता है. इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि बच्चों को मां का दूध कब तक पिलाना चाहिए और जन्म के बाद कितने समय के लिए बच्चे को स्तनपान (Breastfeed) करवाना ज्यादा फायदेमंद होता है.
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बच्चे को मां का दूध कितने महीनों तक पिलाना चाहिए? (Necessary time to breastfed child)
कुछ महिलाएं अपने बच्चे को काफी कम समय के लिए स्तनपान करवाती हैं और कुछ काफी लंबे समय के लिए स्तनपान करवाती रहती हैं. इसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शिशु को स्तनपान करवाने की अवधि निश्चित कर रखी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, शिशु के जन्म के 1 घंटे के भीतर पहला स्तनपान करवाना चाहिए. क्योंकि मां के पहले दूध में बच्चे के विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी बहुत से गुण और तत्व होते हैं. वहीं, शिशु को 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान ही करवाना चाहिए. इस दौरान पानी भी नहीं देना चाहिए. हालांकि, डॉक्टर की सलाह पर फॉर्मूला मिल्क दिया जा सकता है. वहीं, 6 महीने बाद शिशु को स्तनपान के साथ कुछ पचाने लायक ठोस आहार देने की शुरुआत करने की सलाह डब्ल्यूएचओ देता है. लेकिन, 2 वर्ष तक शिशु को मां के दूध से अलग नहीं करना चाहिए. इससे कम स्तनपान करवाने से शिशु का विकास बाधित रह जाता है.
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दिन में कितनी बार करवाना चाहिए स्तनपान? (How many time you should breastfed a day)
विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि 6 महीने तक बच्चे को जितनी बार भूख लगे, उतनी बार ही स्तनपान करवाएं. मतलब यह है कि दिन या रात में जब भी शिशु भूख के कारण रोने लगे, तो उसे मां का दूध देना चाहिए. इसमें जरा-सी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. वहीं, इस समय के दौरान शिशु को बोतल आदि की आदत ना डालें.
शिशु को स्तनपान करवाने के फायदे (Benefits of Breastfeeding for child)
मां के पहले दूध में कोलोस्ट्रम नाम का फ्लूइड होता है, जो कि बच्चे के लिए अमृत समान होता है. इसमें प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों की भरमार होती है.
इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाली एंटीबॉडीज मिलती हैं. यह शिशु को कई संक्रमणों से बचाव प्रदान करती हैं.
कान, सांस, पेट, एलर्जी, डायबिटीज, ल्यूकेमिया आदि बीमारियों से सुरक्षा मिलती है.
बच्चों का दिमाग तेज और मजबूत होता है.
संतुलित वजन बनता है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.