हर साल 8 मई को विश्व ओवेरियन कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य महिलाओं में ओवेरियन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इससे होने वाले खतरों को कम करना है. ओवेरियन का कैंसर महिलाओं को प्रभावित करने वाला एक गंभीर प्रकार का कैंसर है. हालांकि, इस बीमारी के बारे में कई भ्रांतियां भी हैं. जागरूकता बढ़ाने के लिए, आइए आज हम ओवेरियन कैंसर से जुड़े कुछ आम मिथकों और फैक्टों को जानें.


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मिथक 1: ओवेरियन का कैंसर सिर्फ बुजुर्ग महिलाओं को होता है.


फैक्ट:  हालांकि ओवेरियन का कैंसर ज्यादातर मेनोपॉज के बाद महिलाओं में पाया जाता है, लेकिन यह किसी भी उम्र की महिला को हो सकता है. इसलिए हर उम्र की महिला को इसके लक्षणों के प्रति सतर्क रहना चाहिए.


मिथक 2: पैप स्मीयर टेस्ट से ओवेरियन के कैंसर का पता चलता है.


फैक्ट: पैप स्मीयर टेस्ट सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) का पता लगाने के लिए किया जाता है, न कि ओवेरियन के कैंसर का. ओवेरियन के कैंसर का पता लगाने के लिए कोई विशेष स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं है, लेकिन डॉक्टर पैल्विक जांच और कुछ ब्लड टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं.


मिथक 3: ओवेरियन का कैंसर कोई लक्षण नहीं दिखाता.


फैक्ट:  ओवेरियन का कैंसर शुरुआती दौर में लक्षण नहीं दिखा सकता है. लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, महिलाओं को पेट में दर्द, ब्लोटिंग, बार-बार पेशाब आना, असामान्य वजाइनल डिस्चार्ज, वजन कम होना या भूख कम लगना जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव होता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.


मिथक 4: सिर्फ फॅमिली हिस्ट्री में कैंसर होने पर ही खतरा होता है.


फैक्ट:  हालांकि पारिवारिक इतिहास में कैंसर होने से खतरे बढ़ जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जिन महिलाओं का पारिवारिक इतिहास नहीं है उन्हें खतरा नहीं है.


मिथक 5: ओवेरियन की गांठ (cyst) और ओवेरियन का कैंसर एक ही चीज है.


फैक्ट:  ओवेरियन में गांठ होना आम बात है और ज्यादातर ये कैंसर वाले नहीं होती हैं. हालांकि, अगर गांठ का आकार बढ़ रहा है या आपको अन्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है.


मिथक 6: ओवेरियन का कैंसर हमेशा जानलेवा होता है.


फैक्ट:  अगर ओवेरियन का कैंसर शुरुआती दौर में पता चल जाए तो इलाज के अच्छे नतीजे सामने आते हैं. इसलिए नियमित टेस्ट करवाना और लक्षणों के प्रति सतर्क रहना बहुत जरूरी है.


निष्कर्ष:


अंडाशय कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसके लक्षणों को जानना महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यदि आपको कोई भी संदेह है, तो डॉक्टर से परामर्श करें और जल्द से जल्द जांच करवाएं.