Yoga for Arthritis: गठिया एक आम बीमारी है जो जोड़ों को प्रभावित करती है. 100 से अधिक प्रकार के गठिया और इससे जुड़े जोड़ों का डिसऑर्डर हैं, जो अक्सर तब होता है जब शरीर का इम्यून सिस्टम जोड़ों में अपने खुद के टिशू पर हमला करती है. कुछ सामान्य लक्षणों में दर्द, सूजन, जकड़न, रेडनेस और चलने की कमी को कम करना शामिल है. यदि आप गठिया और जोड़ों के दर्द से जूझ रहे हैं, तो नीचे बताए गए कुछ योगासन रोजाना करें. इससे आपका गठिया या जोड़ों का दर्द कम होगा.


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1. पश्चिमोत्तानासन (seated forward bend) 
इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले योगा मैट पर बैठ जाएं. अब अपनी पीठ को सीधी रखें और पैरों को सामने की सीधा करें. फिर हाथों को ऊपर उठाएं और खिंचाते हुए सांस लें. अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे झुकें और सिर को अपने पैर की उंगलियों पर लाएं. अपने सिर को घुटने से छूने का प्रयास करें और हाथों से पैर की उंगलियां छूने की कोशिश करें. कुछ देर इस मुद्रा में रहने के बाद वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं.


2. वीरभद्रासन (warrior pose)
पैरों को चौड़ा करके सीधे खड़े हो जाएं. फिर अपने दाएं पैर को 90 डिग्री और बाएं पैर को 15 डिग्री अंदर घुमाएं. अब अपनी हथेलियों को छत की ओर रखते हुए अपने हाथों को कंधे की लंबाई तक उठाएं. इसके बाद अपने घुटने को मोड़ें और सिर को दाहिनी ओर मोड़ें. इस पोजीशन को होल्ड करें और अपनी हाथों को स्ट्रेच करें. अब धीरे-धीरे ऊपर आएं, अपने हाथों को नीचे रखें और प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं.


3. चक्रवकासन (cat-cow stretch)
इसकी शुरुआत अपने घुटनों और हाथों से शुरू करें. अपनी कलाई को अपने कंधों के नीचे और अपने घुटनों को अपने कूल्हों के नीचे रखें. धीरे-धीरे सांस लें और गाय की मुद्रा लें यानी अपने पेट जमीन की तरफ नीचे धकेलें, अपनी छाती और ठुड्डी को ऊपर उठाएं और अपने शरीर को ऊपर की ओर उठाएं. फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे कैट पोज लें, यानी अपने पेट को उठाएं और ऊपर की ओर धकेलें. इस आसन को एक सेट में कई बार करें.


4. त्रिकोणासन (triangle pose)
अपने पैरों को दूर-दूर फैलाकर सीधे खड़े हो जाएं. अब सांस लें और फिर जैसे ही आप सांस छोड़े तो अपना शरीर दाहिनी ओर झुकाएं (कूल्हों से नीचे की ओर) और अपने दाहिने हाथ को सीधे अपने सिर के ऊपर उठाएं. यहां यह सुनिश्चित करें कि आपका दाहिना हाथ आपके दाहिने कान के समानांतर हो. फिर अपने बाएं हाथ को अपनी पिंडली, टखने या फर्श पर टिकाएं, जबकि आपका दाहिना हाथ छत की ओर फैला हुआ है. आपका शरीर बगल में झुकना चाहिए न कि पीछे या आगे. जैसे ही आप सांस लें, ऊपर आएं और प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं. अब दूसरी तरफ से भी यही दोहराएं.


5. वृक्षासन (tree pose)
हाथों को बगल में रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं. अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और अपनी बाईं जांघ पर रखें. जैसे ही आप अपना बैलेंस पाते हैं, सांस लें और अपने हाथों को अपने सिर की तरफ से ऊपर उठाएं. अपनी हथेलियों को एक साथ लाएं और नमस्ते पोज बनाएं. अब सीधे आगे देखें, पोज को बनाए रखें और सुनिश्चित करें कि आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो. इस पोज में कुछ देर रहने के बाद सांस छोड़ें और नॉर्मल पोज में आ जाएं.


Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.